लाइव न्यूज़ :

महेश नवमी 2020: महेश नवमी आज, इस 1 फूल से करें भगवान शिव की उपासना-मिलेगा खुशहाल जीवन का आशीर्वाद

By मेघना वर्मा | Updated: May 31, 2020 06:51 IST

पुराणों की मानें तो माहेश्वरी समाज की उत्पति भगवान शिव के वरदान देने से हुई थी। इसलिए इस दिन को माहेश्वरी समाज पूरी धूम-धाम से मनाता है।

Open in App
ठळक मुद्देमहेश नवमी को माहेश्वरी समुदाय का प्रमुख पर्व माना जाता है।भगवान शंकर के इस पर्व पर लोग भगवान शिव और पार्वती की अराधना करते हैं। 

आज भोलेनाथ की महेश नवमी है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को हर साल ये पर्व मनाया जाता है। इस बार महेश नवमी 31 मई को पड़ा है। शिव अपने भक्तों की हर हाल में रक्षा करते हैं। शिव को कई नामों से पुकारा जाता है। उन्हीं में से एक नाम है महेश। इसी नाम पर हर साल महेश नवमी मनाई जाती है। 

महेश नवमी को माहेश्वरी समुदाय का प्रमुख पर्व माना जाता है। पुराणों की मानें तो माहेश्वरी समाज की उत्पति भगवान शिव के वरदान देने से हुई थी। इसलिए इस दिन को माहेश्वरी समाज पूरी धूम-धाम से मनाता है। भगवान शंकर के इस पर्व पर लोग भगवान शिव और पार्वती की अराधना करते हैं। 

महेश नवमी - 31 मईनवमी तिथि प्रारम्भ - मई 30, 2020 को 07:57 PMनवमी तिथि समाप्त - मई 31, 2020 को 05:36 PM

महेश से बना माहेश्वरी समाज

पुराणों की मानें माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शंकर के वरदान स्वरूप मानीजाती है। इसलिए माहेश्वरी समजा इस दिन को बड़े खास तरह से मनाता है। इस दिन भगवान शंकर और पार्वती की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं की मानें तो माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे। 

एक बार शिकार करने के दौरान ऋषियों ने उन्हें श्राप दे दिया। उस समय भगवान शिव ने उन्हें शाप से मुक्ति कर उनके पूर्वजों की रक्षा की और उन्हें अहिंसा का मार्ग बतलाया। महादेव के नाम पर ही इस समाज का नाम माहेश्वरी का नाम रखा गया। माना जाता है कि भगवान शंकर की अनुमति से ही माहेश्वरी समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य समाज को अपनाया।

ऐसे करें महेश नवमी की पूजा

1. इस दिन सुबह नित्य स्नान आदि करके उपवास का संकल्प लें। 2. फिर भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा करें। 3. इस दिन भगवान शिव की कमल फूल से पूजा करें 4. गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करें। 5. शिव की जो को बेल पत्र, और त्रिपुंड लगाएं। 6. इस दिन पूजा के बाद डमरू जरूर बजाएं। 7. शिव चालीसा पढ़ें। 8. अंत में शिव आरती करने के बाद प्रसाद का वितरण करें।

टॅग्स :भगवान शिवपूजा पाठहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय