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महाशिवरात्रि : शिवजी को खुश करने के लिए जलाभिषेक, बेल पत्र चढ़ाते वक्त जरूर पढ़ें ये 2 मंत्र, सारी मुसीबतों का होगा नाश

By उस्मान | Updated: March 2, 2019 14:27 IST

सच्चे दिल से पूजा करने से नीलकंठ महादेव जल्दी खुश हो जाते हैं। शिवजी की पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिनका पालन करने पर बाबा भंडारी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। 

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बाबा भोलेनाथ अपने नाम की तरह भोले हैं। सच्चे दिल से पूजा करने से नीलकंठ महादेव जल्दी खुश हो जाते हैं। शिवजी की पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिनका पालन करने पर बाबा भंडारी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। 

धर्म-ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि के खास दिन की गई शिव पूजा कभी भी बेकार नहीं जाती। शिवजी को खुश करने का सबसे आसान उपाय है नियमित शिवलिंग का जलाभिषेक और बेल पत्र अर्पित करना है।  

ऐसा माना जाता है कि जलाभिषेक और बेल पत्र अर्पित करते समय यदि कुछ खास मंत्रो का जाप किया जाए, तो ये बहुत शुभ माना जाता है और शिवजी खुश होकर भक्तों की हर समस्या का समाधान कर देते हैं। 

शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय करें इस मंत्र का जाप

दु:स्वप्नदु:शकुनदुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदु‌र्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।उत्पाततापविषभीतिमसद्ग्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीश:॥

मंत्र का अर्थ

इस मंत्र के जरिये भक्त शिवजी से कह रहा है कि हे प्रभु मेरे सभी बुरे सपनों, अपशकुन, दुर्गति, मन की बुरी भावनाएं, भूखमरी, बुरी लत, भय, चिंता, संताप, अशांति, उत्पात, ग्रह दोष और सारी बीमारियों से मेरी रक्षा करें। 

बेल पत्र अर्पित करते समय करें इस मंत्र का जाप

धार्मिक मान्यता है कि शिव को खासतौर पर तीन पत्ती वाले बेलपत्र चढ़ाने से न केवल पाप का नाश होता है, बल्कि घर में धनलक्ष्मी आती है, जो सभी कार्य और मनोरथ सिद्ध कर देती है। 

नहाने के बाद साफ कपड़े पहनकर शिवालय जायें और शिवलिंग पर पहले जलाभिषेक करें। इसके बाद पंचोपचार पूजा में गंध, अक्षत के बाद तीन पत्ती वाले 11, 21, 51 या श्रद्धानुसार अधिक से अधिक बेलपत्र शिवलिंग पर इस मंत्र को बोलते हुए चढ़ाएं।  

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं त्रयायुधम्। त्रिजन्म पापसंहारंमेकबिल्वं शिवार्पणम।।

 पूजन सामग्री

चंदन, धूप, दीप, नैवेघ गंगा जल, बिल्व पत्र, भांग, हल्दी, केसर या कुंकुम से रंग चावल, इलायची, लौंग, काजू, पिस्ता, बादाम, गुलाब के फूल की पंखुड़ी, मोगरे का फूल, आक, चारौली, किसमिस, सिक्का, चावल, तेल, रुई, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत और पान।

पूजा विधि

हाथों में जल, फूल और चावल लेकर संकल्प करें।

शिव का आह्वान करें

"ॐ साम्ब शिवायनमः आव्हानयामि'' मंत्र द्वारा भगवान शिव का आह्वान करें।

पंचामृत से स्नान कराएं

''ॐ साम्ब शिवायनमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि'' कहते हुए पंचामृत से स्नान कराएं।

शुद्ध जल से स्नान कराएं

"ॐ साम्ब शिवायनमः शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि'' का जाप करते हुए शुद्ध जल से स्नान कराएं।

शिवलिंग पर करें अर्पित

आक, चंपा, धतूरा, सुगन्धित द्रव्य और बिल्व पत्र अर्पित करें।

अब आरती करें

धूप और दिया के साथ आरती करें।

ये अर्पित करें

फल, मिठाई, पंचमेवा, तांबूल और दक्षिणा समर्पित करें।

अंत में प्रार्थना करें

अब भगवान शिव से अपने संकल्प की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

टॅग्स :महाशिवरात्रिभगवान शिवहिंदू त्योहार
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