Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा आज, जानें इस पावन तिथि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा-अनुष्ठान

By रुस्तम राणा | Updated: February 12, 2025 06:42 IST2025-02-12T06:42:38+5:302025-02-12T06:42:50+5:30

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस पवित्र अनुष्ठान से पिछले और वर्तमान पाप धुल जाते हैं।

Magh Purnima 2025: Date, Timings, Shubh Muhurat, Significance And Rituals Of Maghi Purnima | Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा आज, जानें इस पावन तिथि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा-अनुष्ठान

Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा आज, जानें इस पावन तिथि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा-अनुष्ठान

Magh Purnima 2025: माघी पूर्णिमा, माघ महीने की एक पवित्र पूर्णिमा है। यह शुभ दिन उत्तर भारत में माघ महीने का समापन है, जिसे भक्त, विशेष रूप से भगवान विष्णु के उपासक पूजते हैं। लाखों लोग इसे एक पवित्र अनुष्ठान मानते हुए पवित्र स्नान करते हैं। त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेले और माघ मेले के साथ-साथ, यह एक महत्वपूर्ण हिंदू आयोजन है। भक्त आध्यात्मिक शुद्धि और ज्ञान की तलाश में पवित्र जल में स्नान करते हैं। यह पवित्र दिन हिंदू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस वर्ष, माघ पूर्णिमा आज (12 फरवरी 2025) है।

माघ पूर्णिमा 2025: तिथि और समय

माघ पूर्णिमा 2025 तिथि: 12 फरवरी 2025, बुधवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 06:55 PM, 11 फरवरी 2025
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 07:22 PM, 12 फरवरी 2025
चंद्रोदय समय: 06:27 PM

माघ पूर्णिमा 2025: शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:05 बजे से प्रातः 05:54 बजे तक
अमृत काल: शाम 05:55 बजे से शाम 07:35 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:31 बजे से 03:18 बजे तक
निशिता मुहूर्त: 12:09 पूर्वाह्न, 13 फरवरी से 12:58 पूर्वाह्न, 13 फरवरी

माघ पूर्णिमा 2025: महत्व

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस पवित्र अनुष्ठान से पिछले और वर्तमान पाप धुल जाते हैं। स्नान के बाद, भक्त आध्यात्मिक शुद्धि की कामना करते हुए दान देते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान की पूजा की जाती है और भक्त उनका आशीर्वाद मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन देवताओं की पूजा करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

माघ पूर्णिमा को आध्यात्मिक और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए एक पवित्र दिन माना जाता है। पौराणिक कथाओं से पता चलता है कि इस महीने के दौरान, देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरते हैं, गंगा के तट पर निवास करते हैं। इस शुभ अवसर को 'माघ मेला' और 'कुंभ मेला' द्वारा चिह्नित किया जाता है, जहाँ सैकड़ों भक्त माघी पूर्णिमा की पवित्र भावना में डूबकर गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं।

माघ पूर्णिमा 2025: अनुष्ठान

माघ पूर्णिमा पर, भक्त स्नान, दान, होम, उपवास और जप सहित विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और भक्त श्राद्ध-तर्पण करते हैं और गरीबों को दान देते हैं। माघी पूर्णिमा व्रत का पालन करने के लिए, सूर्योदय से पहले पवित्र स्नान करना चाहिए और सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

स्नान करने के बाद, भक्त भगवान मधुसूदन/भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं। दिन के दौरान, वे गरीब लोगों और ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं और दक्षिणा भी देते हैं। तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में दिए जाते हैं, और पूर्वजों के सम्मान के लिए काले तिल से हवन किया जाता है।

भक्त आध्यात्मिक विकास और आशीर्वाद की कामना करते हुए गायत्री मंत्र या 'ओम नमो नारायण' मंत्र का लगातार 108 बार जाप करते हैं। इन अनुष्ठानों का पालन करके, भक्त माघी पूर्णिमा व्रत का पालन करते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करने और ईश्वर से जुड़ने की कोशिश करते हैं।

Web Title: Magh Purnima 2025: Date, Timings, Shubh Muhurat, Significance And Rituals Of Maghi Purnima

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