लाइव न्यूज़ :

काशी गूंजी 'हर हर महादेव' के उद्घोष से, मुस्लिमों ने कांवरियों पर की पुष्प वर्षा, यादवों ने गंगाजल से किया बाबा विश्वनाथ का अभिषेक

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 10, 2023 12:56 IST

काशी में पहले सोमवार के दिन यादव समाज ने दशकों पुरानी पंरपरा का निर्वहन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। वहीं मुस्लिम समाज के लोगों ने श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की।

Open in App
ठळक मुद्देकाशी में पहले सोमवार के दिन यादव समाज ने गंगा जल से किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेकयादव समाज 'नमः पार्वती पतये हर हर महादेव' का उद्घोष करते हुए बाबा को जलार्चन कियाश्रद्धालुओं पर मुस्लिम समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा करके पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल

वाराणसी: काशी सावन के पहले सोमवार हर हर महादेव के जयघोष से गूंज रही है। हर तरफ भक्तों का अपार जनसमूह हाथ में गंगाजल और पुष्प लिये बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाने के लिए कतारबद्ध है। काशी में पहले सोमवार के दिन यादव समाज ने दशकों पुरानी पंरपरा का निर्वहन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया।

यादव बंधुओं ने गंगा स्नान के उपरांत ललिता घाट से दशकों पुरानी परंपरा के अनुसार चांदी व पीतल के कलश में गंगाजल भरकर कलश यात्रा निकाली और बाबा धाम की ओर से प्रवेश किया।

यादव समाज 'नमः पार्वती पतये हर हर महादेव' का उद्घोष करते हुए जलाभिषेक के लिए बाबा के गर्भगृह में पहुंचे और प्रशासन द्वारा उनकी पूजन के लिए व्यापत इंतजा किये गये थे। यादव बंधुओं ने जलाभिषेक करके लोकमंगल की कामना की।

इस मौके पर यादव बंधू अपने परंपरागत मार्गो बाबा तिलभाण्डेश्वर, शीतला माता, आल्हादेश्वर महादेव के बाद धुंडीराज गणेश होते हुए बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे और जलाभिषेक किया।

उसके बाद उन्होंने मृत्युंजय महादेव, त्रिलोचन महादेव, ओमकालेश्वर महादेव, लाटभैरव पर भी जलाभिषेक किया। यादव बंधुओं के द्वारा किये जाने वाला यह ऐतिहासिक जलाभिषेक ऐसा लग रहा था कि काशी की धरती पर स्वयं महादेव अवतरित हो गये हों।

वहीं इसके साथ काशी में सावन के पहले सोमवार के दिन परंपरागत गंगा-जमुनी तहजीब भी देखने को मिली। मदनपुरा और दालमंडी के मुस्लिम बंधुओं ने हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता की जय का नारा लगाया और श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करने जा रहे कांवरियों पर पुष्प वर्षा की। काशी में मुस्लिम समाज दशकों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।

इस मौके पर श्रद्धालुओं का स्वागत कर रहे मुसलमानों ने कहा कि 'अतिथि देवो भवः' काशी की अनूठी परंपरा है। इसलिए हम सभी मिलकर बाबा का दर्शन करने आये श्रद्धालुओं का स्वागत कर रहे हैं। इसके माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि काशी में हिंदू, मुस्लिम, सिख या फिर ईसाई हों, सभी एक साथ सावन  में बाबा की पूजा और ईद मिलकर मनाते है।

मुस्लिम समाज ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां भले ही धर्म के नाम पर हमें बांटने की कोशिश करती हों, लेकिन हमारा यही संदेश है कि हम सब एक हैं। महादेव की नगरी में सभी कांवरियों का भव्य स्वागत है।

टॅग्स :KashiसावनवाराणसीVaranasi
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

स्वास्थ्ययूपी प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप का बना हब, करोड़ों रुपए का प्रतिबंधित कफ सिरप वाराणसी में पकड़ा गया, नेपाल-बांग्लादेश में भी निर्यात

भारतMau Accident: बिहार से वाराणसी जा रही डबल डेकर बस हादसे का शिकार, 14 यात्री घायल

ज़रा हटकेVIDEO: बच्चे ने पीएम मोदी को सुनाई कविता, 'मेरा बनारस बदल रहा है', चुटकी बजाते रहे मोदी, देखें वायरल वीडियो

भारतVande Bharat Trains Route: पीएम मोदी ने 4 नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, वाराणसी से इन रूटों पर करेंगी सफर; जानें

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय