Jyeshtha Amavasya 2022: इस बार ज्येष्ठ मास में पड़ रही है सोमवती अमावस्या, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व
By रुस्तम राणा | Updated: May 22, 2022 14:33 IST2022-05-22T14:33:38+5:302022-05-22T14:33:38+5:30
धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या का व्रत और पूजन करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। सोमवती अमावस्या पर भी सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं।

Jyeshtha Amavasya 2022: इस बार ज्येष्ठ मास में पड़ रही है सोमवती अमावस्या, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अभी ज्येष्ठ मास चल रहा है और इस माह की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। यह इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या होगी। धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या का व्रत और पूजन करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। सोमवती अमावस्या पर भी सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत रखा जाता है। साथ ही हर इस दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। आइए जानते हैं कब है सोमवती अमावस्या तिथि?
कब है सोमवती अमावस्या (ज्येष्ठ अमावस्या)?
इस साल सोमवती अमावस्या 30 मई, सोमवार के दिन पड़ेगी।
सोमवती अमावस्या तिथि व मुहूर्त
अमावस्या तिथि आरंभ- रविवार 29 मई, दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त- सोमवार,30 मई शाम 04 बजकर 59 मिनट पर।
ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि
सुबह उठकर स्नान आदि करें।
सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। इसके बाद बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
पीपल के पेड़ को जल का अर्घ्य दें।
आज के दिन शनिदेव की पूजा जरूर करें।
शनि का पाठ या मंत्र-जाप भी कर सकते हैं।
पूजा के बाद दान-दक्षिणा जरूर करें।
ज्येष्ठ अमावस्या को मनाई जाती है शनि जयंती
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। धार्मिक दृष्टि से शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। इस दिन लोग शनि देव को मनाने के लिए के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। शनि दोष से बचने के लिए भी उपाय किए जाते हैं।
सौभाग्य प्राप्ति के लिए महिलाएं रखती हैं वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ अमावस्या पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखती हैं। इसलिए उत्तर भारत में तो ज्येष्ठ अमावस्या विशेष रूप से सौभाग्यशाली एवं पुण्य फलदायी मानी जाती है।
ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व
अमावस्या पर पूर्वजों के नाम तर्पण व दान करना भी शुभ माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर सुहागिन महिलाएं पीपल के वृक्ष पर पूजा करती हैं और भगवान शिव-पार्वती की भी पूजा की जाती है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत होता है। वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन से जुड़ी समस्या भी दूर होती है।