Jagannath Rath Yatra 2025: ओडिशा में हर साल आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा आज से शुरू हो गई है। इस मौके पर भारत के कौने-कौने से श्रद्धालु पुरी पहुंचे हैं। आमतौर पर जून-जुलाई में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध त्योहार तब शुरू होता है जब भगवान जगन्नाथ और उनके दो भाई-बहन - बड़े भाई भगवान बलभद्र और छोटी बहन देवी सुभद्रा रथों में जनता को दर्शन देने और अपने जन्मस्थान गुंडिचा मंदिर जाने के लिए तैयार होते हैं। देवता गुंडिचा मंदिर में नौ दिन का प्रवास करते हैं। तीन राजसी रथ तैयार हैं और जगन्नाथ मंदिर के सिंह द्वार के सामने खड़े हैं।
वर्तमान में, मंदिर के अंदर भगवान के अनुष्ठान चल रहे हैं। यह उत्सव चंद्र मास के उज्ज्वल चरण (शुक्ल पक्ष) के दूसरे दिन द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जिसे बढ़ती चाँदनी के कारण आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस अवसर पर सभी के लिए सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु समुद्र तटीय तीर्थ नगरी पुरी में उमड़े हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और पूरे विश्व में शांति, मैत्री व स्नेह के माहौल के लिए कामना की।
मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “रथ यात्रा के अवसर पर, मैं भारत और विदेश में रहने वाले महाप्रभु जगन्नाथ के भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।” उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालु भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन को रथ पर विराजमान देखकर दिव्य अनुभूति प्राप्त करते हैं। मुर्मू ने कहा, “इस पावन अवसर पर मेरी महाप्रभु श्री जगन्नाथ से प्रार्थना है कि पूरे विश्व में शांति, मैत्री और स्नेह का वातावरण बना रहे।”
गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं और शुक्रवार को इसमें भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक करीब एक लाख लोग पुरी पहुंच चुके थे और आज सुबह यह संख्या कई गुना बढ़ गयी।
वार्षिक यात्रा के दौरान, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को श्री जगन्नाथ मंदिर से पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर तक खींचकर ले जाया जाता है। भव्य उत्सव का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु पुरी में इकट्ठा होते हैं। इस अवसर पर देश के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह की रथ यात्राएं निकाली जाती हैं।
उन्होंने बताया कि देशभर और विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के इस रथ यात्रा में भाग लेने की उम्मीद है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा, ‘‘महाप्रभु (भगवान जगन्नाथ) की कृपा से हम शुक्रवार को रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमें सेवादारों से पूरा समर्थन और सहयोग मिल रहा है। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।’’
शहर में करीब 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गयी है, जिनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की आठ टुकड़ियां भी शामिल हैं। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया ने कहा कि पहली बार पूरे महोत्सव पर करीबी नजर रखने के लिए पुरी में एक एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र खोला गया है।
निगरानी के लिए पुरी में तथा उससे 35 किलोमीटर दूर व 13वीं शताब्दी के सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध कोणार्क की सड़कों पर 275 से अधिक कृत्रिम मेधा (एआई) से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के स्नाइपर्स मंदिर के सामने ग्रैंड रोड पर छतों पर तैनात रहेंगे।