होली पर 499 साल बाद बना है बेहद दुर्लभ योग, इससे पहले 1521 में हुआ था ऐसा, जानिए इस बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 19, 2021 02:20 PM2021-03-19T14:20:21+5:302021-03-19T14:20:21+5:30
होली का त्योहार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस बार हालांकि बेहद दुर्लभ योगों के कारण ये दिन खास बन गया है।
भारत के सबसे बड़े त्योहार में से एक होली का उत्सव इस बार 29 मार्च को मनाया जाएगा। रंगाों का ये त्योहार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इसके साथ ही हिंदी कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत भी होती है। इस दिन अबीर और गुलाल खेलने की परंपरा है।
वैसे इस बार की होली बेहद खास होने जा रही है। दरअसल इस बार 29 मार्च को होली के दिन एक बेहद खास और दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। होली के दिन ऐसा संयोग 499 साल पहले बना था। यही कारण है कि इस बार की होली खास हो रही है।
ज्योतिष और पंचांग के जानकारों के अनुसार 29 मार्च को कन्या राशि में चंद्र होंगे। गुरु- शनि दोनों अपनी ग्रह राशियों में रहेंगे। साथ ही होली इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा। इस दौरान अमृत सिद्धि योग भी होगा। खास ये भी है कि इस बार होली पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। ऐसा योग इससे पहले 1521 को बना था।
अमृत सिद्ध योग 28 मार्च के शाम 5.36 बजे से 29 मार्च के सुबह 6.15 बजे तक रहेगा। ऐसे ही स्वार्थसिद्धि योग भी 28 मार्च के सुबह 6.16 बजे से 29 मार्च के सुबह 6.15 बजे तक का होगा।
होलाष्टक 22 मार्च से शुरू हो जाएगा
होली से करीब 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। इसमें होलिक दहन तक शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है।
पंचांग के अनुसार होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होती है। ऐसे में इस बार होलाष्टक 22 मार्च (सोमवार) से शुरू हो रहा है। इसका समापन 28 मार्च (रविवार) यानी फाल्गुन की पूर्णिमा को होगा।
बता दें कि होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होली का पौराणिक कथाओं में जुड़ाव भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद और उनकी भक्ति से नाराज असुर पिता हिरण्यकश्यप से है।