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Hartalika Teej 2023: सुहागिन महिलाएं पति की सलामती के लिए ऐसे करें पूजा, जानें हरतालिका तीज की डेट और शुभ मुहूर्त

By अंजली चौहान | Updated: September 6, 2023 18:14 IST

हरतालिका तीज का व्रत हिंदू महिलाओं द्वारा रखा जाता है और यह भाद्रपद माह में पड़ता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।

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ठळक मुद्देहरतालिका तीज सितंबर माह में पड़ रहा है पति और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं इस व्रत को करती हैंहरतालिका तीज के दिन सोलह श्रृंगार करना महत्वपूर्ण है

Hartalika Teej 2023: हिंदू धर्म में हरतालिका तीज बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व विशेषकर सुहागिन महिलाओं के लिए होता है जो अपने पति की सलामती और घर-परिवार की सुख -समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

हरतालिका तीज के अलावा साल में तीन तीज का व्रत होता है जिसमें हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज शामिल है। भोलेनाथ को समर्पित यह व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ ही कुवारी कन्याएं भी रखती है। आइए बताते हैं आपको इस व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और इसके नियम।

पूजा का शुभ मुहूर्त और डेट 

हरतालिका तीज भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार, इस साल हरतालिका तीज की शुरुआत 17 सितंबर को रात 11 बजकर 8 मिनट से तृतीया तिथि शुरू होकर अगले दिन 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

उदया तिथि के अनुसार, ये व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा। वहीं, पूजा का मुहूर्त 18 सितंबर को सुबह 6 बजे से लेकर रात के 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। 

हरतालिका तीज पूजन विधि 

हरतालिका तीज के दिन जिन महिलाओं को व्रत करना है वह प्रात: काल उठकर स्नान कर लें। साफ कपड़े पहनें और सुहागिन स्त्रियां इस दिन पूरा सोलह श्रृंगार आवश्य करें वहीं कुवारी कन्या भी पूरी तरह से तैयार हो जाए।

इसके बाद घर में बने मंदिर को साफ करके भगवान शिव और पार्वती की जोड़े के साथ पूजा करें उन्हें भोग लगाए और प्रार्थना करें। पूजा के लिए सभी जरूरी सामग्री को जरूर थाली में शामिल कर लें और सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।

पूजा के बाद बड़ों का आशीर्वाद लें। सुबह की पूजा के बाद दिन भर व्रत रखें और किसी तरह से कुछ न खाएं और दिनभर भगवान का ध्यान धरें।

इसके बाद शाम को मुहूर्त देखकर पास के शिव मंदिर या अपने घर में भगवान की पूजा करें। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति एक साथ रखें और पति-पत्नी के रूप में उनकी पूजा साथ करें और अपने वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद मांगे।

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य विशेषज्ञ राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

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