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गायत्री जयंती 2020: गायत्री मंत्र जपते समय इस 1 बात का रखें ध्यान, मिल जाएगा हर दुख से छुटकारा

By मेघना वर्मा | Updated: June 2, 2020 08:31 IST

हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। आज (2 जून) गायत्री जयंती है।

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ठळक मुद्देसबसे पहले गायत्री मंत्र का पाठ ब्रह्मा जी के मुख से हुआ था। गायत्री जयंती के दिन लोग गायत्री मंत्र का जाप करते हैं।

गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र बताया गया है जो हर समस्या को हर लेता है। हिन्दू धर्म में बताया गया है कि गायत्री मंत्र का पाठ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को करना चाहिए जिसे बेहद शुभ माना जाता है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। आज (2 जून) गायत्री जयंती है।

दूसरी मान्यता के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन भी इस पर्व को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन प्रज्ञा और ज्ञान की देवी माता पार्वती का अवतरण हुआ था। इसी लिए हर साल माता गायत्री के इस पर्व को श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से मनाते हैं। 

गायत्री जयंती - 2 जून 2020

एकादशी तिथि प्रारंभ - 2 बजकर 57 मिनट मध्यान में (1 जून)एकादशी तिथि समाप्त - 12 बजकर 4 मिनट मध्यान - (2  जून)

कौन थी देवी गायत्री

मां गायत्रीको प्रज्ञा की देवी कहा जाता है। व्यक्ति के अंदर विवके को जागृत करती हैं। मां गायत्री ही आपके अच्छे और बुरे का ज्ञान करवाती हैं। मां के स्वरूप की बात करें तो इनके एक हाथ में पुस्तक और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। मां गायत्री को देवी सरस्वती, पार्वती और मां लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है। 

इसलिए पुकारा जाता है वेदमाता

हिन्दू धर्म के अनुसार माता गायत्री ने ही चारों वेदों, पुराणों और श्रुतियों की उत्पत्ति की इसलिए उन्हें वेदमाता के नाम से पुकारा जाता है। गायत्री जयंती के दिन लोग गायत्री मंत्र का जाप करते हैं। साथ ही माता गायत्री की पूरे-विधि विधान से पूजा करते हैं। 

ब्रह्मा जी के मुख से हुआ था गायत्री मंत्र का पाठ

बताया जाता है कि सबसे पहले गायत्री मंत्र का पाठ ब्रह्मा जी के मुख से हुआ था। गायत्री मंत्र का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि ये मंत्र आपको हर तरह की  मुसीबत से बचा लेते हैं। इसलिए गायत्री मंत्र का जाप इंसान को अवश्य करना चाहिए। 

ॐ भूर् भुवः स्वःतत् सवितुर्वरेण्यंभर्गो देवस्य धीमहिधियो यो नः प्रचोदयात्…

गायत्री मंत्र जपते समय इन बातों का रखें ध्यान

गायत्री मंत्र वो मंत्र है जिसके उच्चारण से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं। ये मंत्र सुबह या शाम कभी भी पढ़ा जा सकता है। ये जरूरी है कि गायत्री मंत्र को पढ़ते समय तन और मन दोनों साफ हों। इस मंत्र को कुश की चटाई पर बैठकर पढ़ें। जाप के लिए तुलसी या चन्दन की माला का उपयोग कर सकते हैं। इस मंत्र का मानसिक जाप आप किसी भी समय कर सकते हैं। 

 गायत्री जयन्ती को क्या करें

1. गायत्री मन्त्र का जप करके हवन करें। 2. सूर्य पूजा करें। 3. श्री आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें। 4. अन्न का दान करें। 5. गुड़ और गेहूं का दान करें। 6. पवित्र नदी में स्नान करें। 7. धार्मिक पुस्तक का दान करें। 8. इस दिन भंडारा करायें। लोगों को शीतल जल पिलायें। घर की छत पर जल से भरा पात्र रखें जिससे चिड़ियों के कंठ तृप्त हो सकें।9. सत्य बोलनें का प्रयास करें। 10. फलाहार व्रत रहें। 

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