लाइव न्यूज़ :

Ganga Dussehra 2021: गंगा दशहरा कब है? क्यों मनाया जाता है और क्या है धार्मिक महत्व, जानें सबकुछ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 16, 2021 15:21 IST

Ganga Dussehra 2021: पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ही माता गंगा धरती पर आई थीं। यही कारण है कि इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है।

Open in App
ठळक मुद्देगंगा दशहरा का त्योहार इस बार 20 जून, रविवार को पड़ रहा हैहर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है गंगा दशहराइस दिन गंगा नदी में स्नान का है बेहद महत्व, मान्यता है कि इसी दिन माता गंगा धरती पर आई थीं

हिंदू मान्यताओं में गंगा को सबसे पवित्र नदी कहा गया है। ऐसी मान्यता कि इसमें डुबकी लगाने वालों के पाप का नाश हो जाता है। इसलिए गंगा को पापनाशनी और मोक्षदायनी भी कहा गया है। इसी नदी से जुड़ा एक बेहद अहम त्योहार 'गंगा दशहरा' (Ganga Dussehra) है। यह हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक मां गंगा इसी दिन भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर धरती पर आई थीं। 

Ganga Dassehra 2021: गंगा दशहरा कब है?

गंगा दशहरा इस बार 20 जून (रविवार) को पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ की दशमी तिथि की शुरुआत 19 जून को शाम 6.50 बजे से ही शुरू हो जाएगा और इसका समापन 20 जून को शाम 4.25 बजे होगा।

हालांकि उदया तिथि 20 जून को होने के कारण गंगा दशहरा इसी दिन मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करना चाहिए। ऐसे करने से जातक के पाप मिट जाते हैं और वह मोक्ष का अधिकारी बनता है। गंगा स्नान के बाद दान की भी परंपरा है। कोरोना संकट में घर में भी गंगा जल की कुछ बूंद डाल कर स्नान कर सकते हैं।

Ganga Dassehra 2021: गंगा दशहरा क्यों मनाते हैं

ऐसी पौराणिक कथा है कि बेहद प्राचीन काल में गंगा नदी धरती पर मौजूद नहीं थीं। मान्यताओं के मुताबिक ऐसे में राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए बेहद लंबी और कठिन तपस्या की। वे पितृगणों को जीवन-मरण के चक्र से मुक्त करना चाहते थे। भगवान विष्णु उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और माता गंगा भी धरती पर आने के लिए तैयार हो गईं।

हालांकि, मां गंगा का वेग इतना अधिक था कि वे सीधे स्वर्ग से धरती पर सीधे आतीं तो पाताल में चली जाती। ऐसे में भगीरथ ने भगवान शिव की अराधना की।

इसके बाद भगवान शिव ने धरती पर माता गंगा के उतरने से पहले उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया। इस तरह गंगा के तेज वेग में कमी आई और वे फिर भगवान शिव की जटाओं से होते हुए धरती पर आईं। ऐसा कहते हैं  कि ज्येष्ठ मास की दशमी को ही गंगा माता धरती पर आईं थी। इसके बाद से गंगा दशहरा मनाने की परंपरा शुरू हुई।

टॅग्स :गंगा दशहराहिंदू त्योहारभगवान शिवभगवान विष्णु
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय