लाइव न्यूज़ :

Ganesh Visarjan 2023: अनंत चतुर्दशी के दिन करें बप्पा को विदा, जानें विसर्जन का शुभ मुहूर्त और नियम

By अंजली चौहान | Updated: September 24, 2023 11:46 IST

हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गणेशोत्सव के 10 दिनों के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

Open in App

Ganesh Visarjan 2023: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। देश के अलग-अलग राज्यों में इसे मनाया जाता है और 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के आखिरी दिन गणपति विसर्जन किया जाता है।

इस वर्ष 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी शुरू हुई और 28 सितंबर 2023, गुरुवार को इसका समापन होगा। समापन के दिन अनंत चतुर्दशी का शुभ योग है इसी दिन भगवान गणेश विसर्जन भी होगा। 

हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गणेशोत्सव के 10 दिनों के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन बप्पा अपने घर वापस जाते हैं। ऐसे में उनकी विदाई होनी चाहिए।

गणपति विसर्जन का शुभ समय

इस साल गणेश विसर्जन 28 सितंबर 2023, गुरुवार को होगा। कुछ लोग गणेश जी को डेढ़, तीन, पांच या सातवें दिन भी स्नान कराते हैं।

अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

28 सितंबर 2023, गुरुवार को गणेश विसर्जन का शुभ समय सुबह 06:11 बजे से सुबह 7:40 बजे तक रहेगा। शाम को गणेश विसर्जन 04:41 से 09:10 के शुभ समय पर किया जा सकता है।

गणेश विसर्जन की पूजा विधि

- भगवान गणेश के विसर्जन से पहले विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।

- पूजा के दौरान श्रीगणेश को लाल चंदन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि चढ़ाएं। 

- यह पूजा परिवार सहित करें और सभी मिलकर गणपति की आरती करें।

- इस दिन हवन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। 

- विसर्जन से पहले आप भगवान गणेश के हाथों में लड्डुओं का भोग लगा सकते हैं। 

- अंत में भगवान गणेश से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें और उनके शीघ्र लौटने की इच्छा व्यक्त करें। 

- इसके बाद धूमधाम से बप्पा की मूर्ति का विसर्जन करना चाहिए। 

क्यों किए जाते हैं गणपति विसर्जित?

पौराणिक कथा के अनुसार, वेद व्यास ने गणेश के लिए महाभारत का पाठ लिखने के लिए श्री गणेश को चुना, क्योंकि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता थी जो भाषण की गति से लिख सके।

वेदव्यासजी ने गणेश जी से आग्रह किया। गणेशजी ने भी उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। वेदव्यासजी ने 10 दिन तक बिना रुके महाभारत सुनाई और गणेशजी उसे लिखते रहे। 10 दिन बाद वेद व्यासजी ने देखा कि गणेशजी का तापमान काफी बढ़ गया है। फिर उन्होंने गणेश जी को झील में स्नान कराया। ऐसा माना जाता है कि उसी समय से गणपति विसर्जन की प्रथा शुरू हुई।

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

टॅग्स :गणेश चतुर्थीGanesh Utsavगणेश चतुर्थी पूजाअनंत चतुर्दशी
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIRAL: गणेश जी को पानी में मत डालो, डूब जाएंगे, इमोशनल कर देने वाला वीडियो वायरल

भारतगणेश प्रतिमा विसर्जनः 4 डूबे और 13 अन्य लापता, महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के समापन को लेकर उमड़े लोग

भारतVIDEO: हैदराबाद में 69 फीट ऊंचे गणपति बप्पा का विसर्जन, ढोल-नगाड़ों की धुन पर थिरकते भक्त, देखें वीडियो

ज़रा हटकेविदेशी धरती पर गणपति विसर्जन में दिखा ऐसा नजारा, सोशल मीडिया पर लोगों ने की जमकर तारीफ

पूजा पाठGanesh Chaturthi 2025: मुंबई के इन जगहों पर होगा भव्य गणपति विसर्जन, जानिए कैसे देख पाएंगे आप

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार