Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी 2023, तिथि, समय और महत्व, जानें सबकुछ
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 30, 2023 06:05 PM2023-08-30T18:05:23+5:302023-08-30T18:15:47+5:30
Ganesh Chaturthi 2023: महाराष्ट्र में इस पर्व की शुरुआत 1890 के दशक में राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य ने की थी।
Ganesh Chaturthi 2023: दस दिवसीय गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत होने वाली है। गणेश चतुर्थीभगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाती है और इसे गणेश चतुर्दशी या विनायक चतुर्दशी के रूप में जाना जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर से शुरू होने वाली है।
महामारी का असर कम होने के बाद सार्वजनिक स्तर पर भव्य पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। महाराष्ट्र में इस पर्व की शुरुआत 1890 के दशक में राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य ने की थी। ‘गणपति बप्पा मोरया’ के उद्घोष देश भर में सुनाई देती है। ये पर्व कुछ खास होता है।
यह अवसर पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। यह हिंदू त्योहार, जिसे गणेश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि को गणेश जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है।
गणेश जी की पूजा में इन 6 चीजों को जरूर शामिल करें, वरना पूजा अधूरी मानी जाएगी और उसका पूरा फल भी नहीं मिलेगाः
1ः मोदक- भगवान गणपति को मोदक अवश्य चढ़ाएं। यह मिठाई गणपति महाराज को अति प्रिय है। लंबोदर को मोदक का भोग लगाने से भक्तों के सारे विघ्न दूर होते हैं।
2ः दूर्वा- दूर्वा अवश्य चढ़ानी चाहिए। मान्यता है कि विघ्नहर्ता को दूर्वा बेहद प्रिय है। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने से साधकों की हर कामना पूर्ण होती है।
3ः सिंदूर- पूजा में गणपति महाराज को सिंदूर चढ़ाना न भूलें। पूजा के दौरान सिंदूर को गणेश जी के ललाट पर लगाएं और इसके बाद अपने माथे भी सिंदूर लगाएं। आपको सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
4ः केला- भगवान गणेश जी फलों में केला अर्पित करना चाहिए। गणेश चतुर्थी की पूजा में गजानन को जोड़े में केला जरूर चढ़ाना चाहिए।
5ः गन्ना- गणेश चतुर्थी की पूजा में भगवान गणेश जी को गन्ना जरूर चढ़ाना चाहिए। गन्ना उन्हें बेहद प्रिय है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में भी मिठास आती है।
6ः लाल फूल- भगवान गणपति की पूजा में लाल फूल जरूर अर्पित करना चाहिए। पुष्पों में गणपति महाराज को लाल पुष्प बेहद प्रिय होता है। ऐसा करने से कामना पूर्ण होती है।
दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव उत्सव का समापन 28 सितंबर को होगा। यह अवसर भगवान गणेश को समर्पित है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक शामिल हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म हिंदू कैलेंडर में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान हुआ था, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त-सितंबर के महीनों में पड़ता था। इस वर्ष, गणेश चतुर्थी का उत्सव 19 सितंबर, 2023 मंगलवार को मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी का समयः हिंदू कैलेंडर के अनुसार विनायक चतुर्दशी 2023 सोमवार, 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी और मंगलवार, 19 सितंबर को रात 8:43 बजे समाप्त होगी। इसके अतिरिक्त, यदि कोई मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त पर विचार करता है, यह सुबह 11:01 बजे शुरू होगा और दोपहर 01:28 बजे तक चलेगा, जिसमें 2 घंटे और 27 मिनट की अवधि शामिल होगी। गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले चंद्रमा के दर्शन से बचने के लिए, सुबह 09:45 बजे से रात 08:44 बजे तक चंद्रमा के दर्शन से बचने की सलाह दी जाती है।
गणेश की मूर्ति को पानी में डुबोया जाता है। इस विसर्जन जुलूस के दौरान, हवा "गणपति बप्पा मोरया, पुरच्य वर्ष लौकरिया" (जय भगवान गणपति, अगले वर्ष जल्दी आओ) के मंत्र से गूंजती है। उल्लेखनीय है कि गणपति विसर्जन मुंबई और महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है।