गणेश चतुर्थी 2018: जानें बप्पा के अभिषेक से लेकर प्रसाद का भोग लगाने तक की पूरी शास्त्रीय विधि
By गुलनीत कौर | Updated: September 11, 2018 15:35 IST2018-09-11T15:35:37+5:302018-09-11T15:35:37+5:30
Ganesh Chaturthi 2018 Day, Date & Time, Significance, Ganesh Sthapana Puja vidhi:पूजा के लिए लाल रंग के कपड़े पहनें, मान्यता है कि बप्पा को लाल वस्त्र बेहद पसंद हैं और इसदिन लाल कपड़े पहनने से वे प्रसन्न हो जाते हैं।

गणेश चतुर्थी 2018: जानें बप्पा के अभिषेक से लेकर प्रसाद का भोग लगाने तक की पूरी शास्त्रीय विधि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का अवतरण दिवस मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 13 सितंबर से प्रारंभ है। 10 दिन का यह महाउत्सव 23 सितंबर को समाप्त होगा और उसी दिन गणेश विसर्जन किया जाएगा। वैस्ज़े कुछ लोग इच्छानुसार 1, तीन या पांच दिन बाद भी बप्पा का विसर्जन कर देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में अधिकतर हिन्दू परिवारों में लोग 10 दिनों तक बप्पा को अपने घर में रखते हैं और उसके बाद धूमधाम से बप्पा की विदाई होती है।
13 सितंबर से प्रारंभ हो रहे इस महाउत्सव में गणेश स्थापना के दौरान की गई पूजा में किन-किन चीजों की आवश्यक्ता होती है, उसके लिए देखें ये विडियो:
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध त्योहार गणेश चतुर्थी पर स्थापना पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करके लाल रंग के नए एवं साफ कपड़े पहनें। मान्यता है कि बप्पा को लाल वस्त्र बेहद पसंद हैं और इसदिन लाल कपड़े पहनने से वे प्रसन्न हो जाते हैं।
तैयार होने के बाद पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। सबसे पहले गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगा जल से बप्पा का अभिषेक करें।
अब पूजा की चौकी पर साफ अथवा नया लाल कपड़ा बिछाएं। इस पर गणेश जी को बिठाएं, उनके सामने ऋद्धि सिद्धि के रूप में दो सुपारी रखें।
इसके बाद बप्पा को सिन्दूर और चांदी का वर्क लगाएं। गणेश जी को लाल चन्दन का टीका और टीके के ऊपर अक्षत भी (चावल ) लगाएं। ध्यान रहे कि अक्षत टूटे हुए ना हों।
अब भेंट स्वरूप बप्पा को कुछ चीजें अर्पण करें, जैसे कि मौली, जनेऊ, लाल रंग के फूल, माला, दूर्वा, नारियल अर्पित करें। बप्पा को पंचमेवा और फल भी चढ़ाएं।
अब गणेश जी को लौंग और इलायची अर्पित करें। इसके बाद बप्पा के पसंदीदा मोदक और लडडू का उन्हें भोग लगाएं।
गणेश जी के आगे घी का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर मन की मुराद पूरी करने के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद बप्पा के आगे धूप, अगरबत्ती जलाएं।
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इन सभी कार्यों को करते हुए गणेश मंत्र का जाप करते रहें। मंत्र इस प्रकार है - वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव , सर्व कार्येषु सर्वदा ।।
अंत में एक थाली लें, उसमें घी का दीपक जलाएं। इससे गणेश आरती गाते हुए बप्पा की आरती उतारें।


