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Eid-e-Miland-un-Nabi 2019: कब है ईद मिलाद-उन-नबी? जानिए तारिख और इस्लाम में इसका खास महत्व

By मेघना वर्मा | Updated: November 8, 2019 12:56 IST

Eid-e-Miland-un-Nabi 2019: इस्लाम धर्म की जानकारों की मानें तो इस दिन मोहम्मद साहब के सांकेतिक पैरों के चिह्न पर इबादत की जाती है।

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ठळक मुद्देमोहम्मद साहब इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर थे।उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और वालदा का नाम बीबी अमीना था।

इस्लाम धर्म में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन को बेहद खास माना जाता है। माना जाता है कि इनका जन्म इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मक्का में हुआ था। 

मोहम्मद साहब इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर थे। वहीं इस बार मिलाद-उन-नबी 9 नवंबर की शाम से शुरू हो रहा है जो 10 नवंबर की शाम चलेगा। इस दिन को इस्लाम धर्म में सबसे पाक बताया गया है। इस दिन को मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी धूम से मनाते हैं। 

मोहम्मद साहब की बात करें तो उनका पूरा नाम मोहम्मद इब्र अब्दुल्लाह इब्र अब्दुल मुत्तलिब था। उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और वालदा का नाम बीबी अमीना था। इस्लाम धर्म में ऐसी मान्यता है कि 610ई. में मक्का के नजदीक हीरा नाम की गुफा में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसलिए इस दिन को और भी खास तरीके से मनाया जाता है। 

क्या है इसका महत्व

इस्लाम धर्म की जानकारों की मानें तो इस दिन मोहम्मद साहब के सांकेतिक पैरों के चिह्न पर इबादत की जाती है। इस्लाम धर्म के अनुयायी इस पर्व पर रातभर जागते हैं और दुआएं मांगते हैं। इसके साथ पैंगंबर मोहम्मद साहब के उपदेश को पढ़ा जाता है। इस्लमाम धर्म के अनुयायी दरगाह और मक्का-मदीना जाकर इबादत भी करते हैं।

हजरत मोहम्मद का संदेश

हजरत मोहम्मद का कहना है कि सबसे अच्छा आदमी वह है जिससे मानवता की भलाई होती है। उन्होंने कहा था कि जो ज्ञान का आदर करता है वह मेरा आदर करता है। ज्ञान को ढूंढने वाला अज्ञानियों के बीच वैसा ही है जैसे मुर्दों के बीच जिंदा। 

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