रमजान (Ramadan 2019) का पाक महीना खत्म होने को है और इसी के साथ यह सवाल भी पैदा हो गया है कि भारत में मीठी ईद कब है? आपको बता दें कि ईद उल-फितर (Eid-ul-Fitr) की तारीख आम तौर पर कई देशों में अलग-अलग होती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि ईद का चांद (Eid ul-Fitr Moon Sighting) दिखा है या नहीं।
भारत में ईद का पर्व 5 या 6 जून को मनाया जा सकता है। हालांकि यह तब मान्य होगा, जब ईद का चांद दिखेगा। क्योंकि रमजान और ईद की सही तारीख इस्लामिक कैलेंडर के 9वें महीने (हिजरी 1440) के अनुसार तय होती है। यह महीना 29 या 30 दिन का होता है और इस महीने की लंबाई शव्वाल चंद्रमा के देखे जाने के आधार बदल सकती है।
आपको बता दें कि भारत में पहला रोजा 7 मई को था। इस हिसाब से 4 जून तक 28 रोजे पूरे हो जाएंगे और 6 जून को ईद मनाई जा सकती है। लेकिन अगर 5 जून को चांद नहीं दिखा, तो 5 जून को 29 रोजे पूरे हो जायेंगे और 6 जून को ईद मनाई जाएगी।
इस साल रमज़ान का चांद पूरे भारत में एक अलग समय में देखा गया था, क्योंकि देश के कुछ हिस्सों में चंद्रमा दिखाई नहीं दिया था। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है, जिस वजह से देश के कुछ हिस्सों में ईद अलग-अलग मनाई गई है। केरल और उडुपी, और कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिलों में, ईद 4 जून को मनाई जा सकती है क्योंकि इन क्षेत्रों में रमजान एक दिन पहले शुरू हुआ था।
मीठी ईद क्यों मनाई जाती है (significance and meaning of eid al fitr)
रमजान के 30 रोजों के बाद चांद देखकर ईद मनाई जाती है। इसे लोग ईद-उल-फित्र भी कहते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक महीने रोजों के बाद ईद का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। दरअसल, इसके पीछे एक लंबी कहानी है। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। उनके विजयी होने की खुशी में ही यह त्यौहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि 624 ईस्वी में पहला ईद-उल-फित्र मनाया गया था।