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Diwali 2023: दिवाली के आगमन के साथ ही छोड़ दे ये काम, नहीं तो नाराज हो जाएंगी मां लक्ष्मी; जानें यहां

By अंजली चौहान | Updated: November 7, 2023 13:36 IST

रोशनी का त्योहार दिवाली दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। इसे साल के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक माना जाता है।

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Diwali 2023: हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दिवाली बस कुछ ही दिनों में आने वाली है। दिवाली का त्योहार अपने साथ कई अन्य त्यौहार भी साथ लाती है जो पांच दिनों तक लगातार चलता है। दिवाली कार्तिक महीने की सबसे अंधेरी रात को मनाई जाती है, जो ज्यादातर अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है।

इस बार दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह दिन बहुत शुभ होता है और दिवाली से पहले लोग तैयारियों में जुट जाते हैं। 

शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की खास कृपा पाने के लिए कुछ नियमों को मानना जरूरी है। इन नियमों का पालन जो नहीं करता धन की देवी लक्ष्मी उससे रूठ जाती है। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।

त्योहार की रात, देवी लक्ष्मी जिस भी भक्त को पसंद करती हैं उसके घर में निवास करती हैं। इसलिए इस दिन विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। शास्त्रों में ऐसे कई नियम बताए गए हैं जिनका पालन दिवाली के दिन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कुछ ऐसे काम भी हैं जो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करने चाहिए।

तो अगर आप भी चाहते हैं कि इस दिवाली आपके घर में धन की देवी का वास हो तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें...

1- दिवाली के दिन नाखून काटने और शेविंग करने से भी बचना चाहिए।

2- मान्यताओं के अनुसार, अनुसार दिवाली के दिन देर तक सोना नहीं चाहिए।

3- इस दिन शराब पीने और मांसाहार खाने से सख्त परहेज करना चाहिए।

4- अपनी वाणी में भी शिष्टाचार रखना चाहिए और किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए।

5- दिवाली के दिन मांस, शराब और जुआ जैसी बुराइयों से दूर रहना चाहिए।

6- रात के समय पूजा कक्ष को अँधेरा न छोड़ें; रात भर दीपक जलाकर रखें।

7- भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति न रखें, जिनकी सूंड दाहिनी ओर हो।

8- पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति खड़ी मुद्रा में नहीं बल्कि बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए।

बता दें कि इस साल दिवाली का जश्न 10 नवंबर से शुरू होगा। पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है। दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है और फिर 12 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी। दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज का त्योहार आएगा. हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो न केवल घर से बल्कि मन से भी अंधेरा दूर करता है। दिवाली का अवसर अंधकार या नकारात्मक ऊर्जा पर सकारात्मकता की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।                                          

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य विशेषज्ञत राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

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