लाइव न्यूज़ :

Dev Uthani Ekadashi 2021 Date: देवउठनी एकादशी कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और कथा

By रुस्तम राणा | Updated: November 8, 2021 13:17 IST

देवउठनी एकादशी के दिन से ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी सच्चे मन से आराधना करने से वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है।

Open in App

देवउठनी एकादशी कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कहते हैं। इस बार देवउठनी एकादशी 14 नवंबर को है। शास्त्रों में इसे प्रबोधिनी या फिर देव उत्थानी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह के निद्रा काल से जागते हैं और पुनः सृष्टि के पालन का कार्यभार संभालते हैं। इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन से ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी सच्चे मन से आराधना करने से वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है।

देवउठनी एकादशी मुहूर्त 2021

एकादशी तिथि प्रारंभ - 14 नवंबर को सुबह 05:48 बजे सेएकादशी तिथि का समापन - 15 नवंबर को सुबह 06:39 बजे तकव्रत पारण का समय- 15 नवंबर को दोपहर 01:10 बजे से दोपहर 03:19 बजे तक

देवउठनी एकादशी व्रत विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प करें। भगवान विष्णु जी के समक्ष दीप प्रज्जवलित करें। गंगा जल से अभिषेक करें। विष्णु जी को तुलसी चढ़ाएं। जगत के पालनहार को सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। शाम को तुलसी के समक्ष दीप जलाएं। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। अगले दिन द्वादशी के दिन शुभ मुहूर्त पर व्रत खोलें। ब्राह्मणों को भोजन कराकर प्रसाद वितरण करें। 

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, शंखचूड़ नामक दैत्य की पत्नी वृंदा अत्यंत सती थी। शंखचूड़ को परास्त करने के लिए वृंदा के सतीत्‍व को भंग करना जरूरी था। माना जाता है कि भगवान विष्‍णु ने छल से रूप बदलकर वृंदा का सतीत्व भंग कर दिया और उसके बाद भगवान शिव ने शंखचूड़ का वध कर दिया। इस छल के लिए वृंदा ने भगवान विष्‍णु को शिला रूप में परिवर्तित होने का शाप दे दिया। उसके बाद भगवान विष्‍णु शिला रूप में तब्‍दील हो गए और उन्‍हें शालिग्राम कहा जाने लगा।

टॅग्स :देवउठनी एकादशीहिंदू त्योहारपूजा पाठ
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार