कोरोना वायरस का खतरा भारत में बढ़ता जा रहा है इसके बावजूद लोग एक जगह इकट्ठा होने से नहीं चूक रहे हैं। उज्जैन के डीएम ने भले ही भूतड़ी अमावस्या पर स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन श्रद्धालु इसे मानने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए भूतड़ी अमावस्या पर केडी पैलेस पर सोमवार (23 मार्च) से स्नान के लिए आए लोगों को हटाना पड़ रहा है।
परंपरा अनुसार चैत्र मास की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के रूप में श्रद्धालु मनाते हैं। इस दौरान क्षिप्रा के केडी पैलेस स्थित 52 कुंड में स्नान का महत्व बताया जाता है। इस बार कोरोना वायरस से बचाव और सतर्कता के चलते स्नान पर प्रतिबंध जिला दंडाधिकारी शशांक मिश्र ने लगाया है। जिले में लॉक डाउन की स्थिति के बावजूद सोमवार दोपहर से ही श्रद्धालुओं के आगमन का क्रम शुरू होने की जानकारी प्रशासन के पास पहुंची तो प्रशासनिक दल ने नहान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को हटाने का काम शुरू किया। यहां पूर्व से ही कोटवार एवं पटवारियों को डयूटी पर लगाया गया था। सोमवार को सूचना मिलते ही अधिकारी भी तत्काल केडी पैलेस पहुंचे और श्रद्धालुओं को वापस भेजा गया। इनमें ज्यादातर श्रद्धालु उज्जैन जिले से संबंधित ही बताए गए हैं।
जिला दंडाधिकारी शशांक मिश्र ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए रविवार को वीडियो अपील जारी कर श्रद्धालुओं से अनुरोध किया था कि वे को कोरोना वायरस से बचने के लिए 24 मार्च को आ रही भूतड़ी अमावस्या पर स्नान के लिए उज्जैन के विभिन्न घाटों पर न पहुंचे और ना ही यात्रा करें।
उज्जैन शहर के एएसपी रूपेश द्विवेदी ने कहा, दोपहर में कुछ श्रद्धालुओं के केडी पैलेस पहुंचने की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हमारे फोर्स ने पहुंचकर उन्हे समझाइश देकर रवाना किया। मंगलवार को भी क्षिप्रा के सभी घाटों पर जवान तैनात रहेंगे। डीएम के आदेश का पालन करवाया जाएगा।