Bhai Dooj 2019: जब यमराज ने अपनी बहन की मनोकामना कर दी पूरी, पढ़ें भाई दूज की पौराणिक कहानी

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: October 22, 2019 16:40 IST2019-10-22T16:40:26+5:302019-10-22T16:40:26+5:30

Bhai Dooj Mythological Story in Hindi: हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज कहते हैं। इस पर्व को यम द्वतीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। भविष्यपुराण में यम द्वितीया का उल्लेख मिलता है। यम से स्पष्ट है कि इस तिथि पर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित त्योहार भाई दूज मृत्यु के देवता यमराज से संबंधित हैं।

Bhai Dooj 2019 date mythological story of bhai dooj Bhai Dooj ki katha, When Yamraj completed his sister Yamuna wish | Bhai Dooj 2019: जब यमराज ने अपनी बहन की मनोकामना कर दी पूरी, पढ़ें भाई दूज की पौराणिक कहानी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsहिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज कहते हैं। इस पर्व को यम द्वतीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। भविष्यपुराण में यम द्वितीया का उल्लेख मिलता है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज कहते हैं। इस पर्व को यम द्वतीया या  भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। भविष्यपुराण में यम द्वितीया का उल्लेख मिलता है। यम से स्पष्ट है कि इस तिथि पर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित त्योहार भाई दूज मृत्यु के देवता यमराज से संबंधित हैं। 

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव की पत्नी संज्ञा ने बेटे यमराज और बेटी यमुना को जन्म दिया था। संज्ञा अपने पति सूर्य की किरणों को सहन नहीं पाती थीं तो उन्होंने उत्तरी ध्रुव में छाया के रूप में रहने का फैसला कर लिया। उत्तरी ध्रुव में निवास करने के छाया का बेटे सूर्य और बेटी यमुना से व्यवहार बदल गया। 

मां के व्यवहार से बेचैन यमराज ने अलग अपनी यमपुरी बसा ली। यमराज अपने काम के मुताबिक, पापियों को सजा देने का काम करते हैं। बहन यमुना से यह देखा न जाता और परम शांति की तलाश में उन्होंने गोलोक यानी भगवान विष्णु के धाम की राह पकड़ी और वहीं रहने लगीं। 

काफी समय बाद यमराज को बहन की याद सताने लगी। यमराज ने बहन का पता लगाने के लिए दूतों को आदेश दिया। यमुना का कुछ पता नहीं चला। यमराज खुद बहन को खोजने निकले। वह उन्हें गोलोक में मिलीं। इस भेंट में भाई और बहन के प्यार की सीमा न रही। बहन यमुना ने भाई यमराज का स्वागत सत्कार किया, स्वादिष्ट भोजन पकाकर खिलाए। बहन के प्यार से यमराज का हृदय करुणा और प्रेम से द्रवित हो उठा और उन्होंने बहन को वरदान मांगने को कहा। 

यमुना चूंकि संसार के समस्त प्राणियों के प्रति ममता और करुणा रखती हैं तो उन्होंने भाई यमराज से कहा- मैं बस इतना चाहती हूं कि जो भी प्राणी मेरे जल में स्नान करे, वह यमपुरी न जाए। यमराज ने कहा कि ऐसा ही होगा। जिस तिथि को यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने गोलोक गए थे वह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया थी। इसलिए सनातन धर्म मानने वाले हर वर्ष इस तिथि को भाई-दूज त्योहार मनाते हैं। 

इस दिन लोग यमुना में स्नान करते हैं। बहनें अपने भाइयों को भोजन बनाकर खिलाती हैं और टीका करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार और रक्षा का आश्वासन देते हैं। चूंकि यह पर्व दिवाली के दो दिन बाद आता है इसलिए लोगों का उल्लास बना रहता है और वे इसे भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

पौराणिक कथा मुताबिक, सूर्य और यमुना की माता संज्ञा जब छाया रूप में उत्तरी ध्रुव में रहने लगीं तो उनसे ही शनिश्चर और ताप्ती नदी और हमेशा युवा रहने वाले अश्विनी कुमारों का भी जन्म हुआ। अश्विनी कुमार देवताओं की चिकित्सा का काम करते हैं।

English summary :
According to the Hindu calendar, the second day of the Shukla Paksha of Kartik month is called Bhai Dooj. This festival is also called Yama dutiya or Brihat Dvitiya. Read Mythological Story of Bhaidooj.


Web Title: Bhai Dooj 2019 date mythological story of bhai dooj Bhai Dooj ki katha, When Yamraj completed his sister Yamuna wish

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