Bhadrapada mahina 2024: श्रावण माह के अंत होते ही भाद्रपद मास आज से (20 अगस्त 2024) प्रारंभ हो गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का छठा महीना होता है जिसे भादौं भी कहा जाता है। यह चतुर्मास (श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक) का भी एक महीना है। उत्तर भारत में इस महीने में हल्की हल्की बरसात देखने को मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, इसी महीने भगवान श्रीकृष्ण का जन्म (कृष्ण जन्माष्टमी) हुआ था। जबकि गणपति महाराज की जयंती (गणेश चतुर्थी) भी भादौं में ही आती है। आइए जानते हैं क्या हैं भाद्रपद माह के नियम।
भाद्रपद माह में क्या न करें
शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह में गुड़, दही और उनसे बनी चीजों के सेवन की मनाही होती है। मान्यता है कि ये चीजें सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। इस माह में गुड़ आदि खाने से व्यक्ति को पेट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
इसके बाद ही इस माह में तामसिक खाद्य चीजें जैसे लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा आदि का सेवन भी वर्जित होता है। इस माह को भक्ति और मुक्ति का माह माना जाता है।
इस माह में रविवार के दिन बाल कटवाना और नमक खाना अशुभ माना जाता है, इसलिए अगर संभव हो तो इस दिन नमक का सेवन न करें।
मान्यता है कि इस माह में किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा दिया चावल और नारियल के तेल का इस्तेमाल गलती से भी न करें। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है।
भाद्रपद माह में क्या करें
भाद्रपद माह में पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इन दिनों में जरूरतमंदों को दान देना चाहिए।
इस माह में सात्विक भोजन करना उत्तम माना गया है। जितना संभव हो सात्विक भोजन करें।
इस माह में गाय के दूध के सेवन पर जोर दिया गया है।