लाइव न्यूज़ :

कार्तिक पूर्णिमा की रात चंद्रमा को अर्घ्य देते समय बोलें ये मंत्र, होगी मन की हर इच्छा पूर्ण

By गुलनीत कौर | Updated: November 23, 2018 07:43 IST

कार्तिक पूर्णिमा को पापों से मुक्ति दिलाने वाली माना जाता है। इसदिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं ताकि ईश्वर उन्हें उनके पापों से मुक्ति दिलाए।

Open in App

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को पापों से मुक्ति दिलाने वाली माना जाता है। इसदिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। गरीबों में चीजें दान करते हैं और ईश्वर की कृपा से अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा की ये रात पूजा-कर्मों के लिए उत्तम मानी जाती है। कहते हैं कि इस रात यदि विधिवत पूजा कर ली जाए तो मन के एहर इच्छा पूर्ण हो जाती है। तो आइए आपको बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा को आप किन-किन तरीकों से पूजा कर सकते हैं। 

1. यदि आप अपनी किसी इच्छा को पूरा करना चाहते हैं तो कार्तिक पूर्णिमा की रात चन्द्रमा उदय होते ही चांदी के एक स्वच्छ लोटे में दूध और जल को मिलाकर इस मिश्रण से चन्द्रमा को अर्घ्य अर्पित करें। दूध-जल अर्पित करते हुए इस मंत्र का निरंतर जाप करें - "ऊँ सों सोमाय नम:" मान्यता है कि चन्द्र पूजा करने से धन प्राप्ति होती है और कुंडली के अनेकों दोष भी शांत होते हैं।

2. पूर्णिमा की रात पीपल के वृक्ष की पूजा करने का भी अत्यधिक महत्व होता है। चन्द्र उदय होने के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि ऐसा संभव ना हो तो पानी में पवित्र नदी का जल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की विधिवत पूजा करें। वृक्ष की जड़ों में जल चढ़ाएं, मिठाई अर्पित करें और सात बार परिक्रमा करते हुए अपनी इच्छा को पूरा करने की प्रार्थना करें।

यह भी पढ़ें: कार्तिक पूर्णिमा के दिन कतई ना करें ये 5 काम, जरूर रखें इन चीजों का ध्यान

3. कार्तिक पूर्णिमा की रात लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें। ऐसा करने से धन योग बनते हैं और रुका हुआ धन भी वापस लौटता है। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में दूध केसर डालकर इस दूध से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का अभिषेक करें। लक्ष्मी-नारायण के बीज मंत्रों से पूजा करें और अंत में प्रसाद अर्पित करके उनकी आरती करें।

4. कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर में सत्यनारायण की कथा कराएं। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है

5. कार्तिक पूर्णिमा के दिन या शाम को किसी भी समय हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठ जाएं। घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। अंत में पवनपुत्र को भोग लगाएं और अपनी कामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करें।

टॅग्स :कार्तिक मासपूर्णिमाइवेंट्स
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठSharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर क्यों रखी जाती है?

पूजा पाठGuru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा के दिन कैसे करें गुरु पूजन, जानें पूजा विधि और महत्व

पूजा पाठJyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है? जानिए पूजा विधि, स्नान-दान और चंद्रोदय समय

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय