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Ashadha Gupt Navratri 2023: इस दिन से शुरू हो रही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, नोट करें डेट और घटस्थापना मुहूर्त

By अंजली चौहान | Updated: June 16, 2023 16:37 IST

इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून को मनाई जाएगी। इस नवरात्रि को में गुप्त तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है।

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ठळक मुद्देआषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून 2023 को मनाई जाएगीगुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती हैइस नवरात्रि में गुप्त तरीके से पूजा की जाती है।

Ashadha Gupt Navratri 2023: साल में दो प्रमुख नवरात्रि आती हैं जिन्हें हिंदुओं द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। अश्विन और चैत्र महीने में प्रमुख नवरात्रि आती है लेकिन इसके साथ ही माघ और आषाढ़ नवरात्रि भी मनाई जाती है जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

चूंकि इसके नाम से साफ है कि यह गुप्त नवरात्रि है यानि इसमें मां दुर्गा की गुप्त तरीके से पूजा की जाती है। इस दौरान 9 दिनों तक 9 देवियों की पूजा की जाती है। 

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की तारीख 

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसका समापन नवमी तिथि के दिन होता है। इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून 2023 सोमवार को शुरू होगी और 28 जून को समाप्त हो जाएगी। नौ दिन तक नौ माताओं की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। 

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 

आषाढ़ मास के प्रतिपदा तिथि 18 जून 2023 को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से गुप्त नवरात्रि शुरू होगी। जो कि अगले दिन 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। गुप्त नवरात्रि में गुप्त तरीके से पूजा की जाती है जिसमें तांत्रिक घटस्थापना करते हैं और गृहस्थ जीवन वाले सामान्य पूजा-पाठ करते हैं। 

घटस्थापना मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 23 मिनट- सुबह 07 बजकर 27 मिनट (19  जून 2023 अवधि 02 घंटे 04 मिनट) 

घटस्थापना अभिजित मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 55- दोपहर 12 बजकर 50 मिनट (19 जून 2023, अवधि 56 मिनट) 

गुप्त नवरात्रि की पूजन सामग्री

नवरात्रि की पूजा करने के लिए मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर होना जरूरी है। इसके साथ ही लाल रंग की मां की चुनरी और कपड़े का उपयोग करें।

अन्य सामग्री में फूल, फल, माला, आम के पत्ते, धूप, तिल का तेल, रूई, दिया, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी, कुमकुम, पंचमेवा, शहद, चीनी, सूखा नारियल,  नारियल, मौली, रोली, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, चावल इन सभी को नवग्रह पूजा के लिए पूजा की थाली में तैयार कर लें। इसके बाद पूरे विधि-विधान से नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। इस लेख में दिए गए सुझाव की लोकमत हिंदी पुष्टि नहीं करता। किसी भी तरह की सलाह मानने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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