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अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं 2 बड़े शुभ योग, इन चीजों का दान कर पाएं लक्ष्मी कृपा

By गुलनीत कौर | Updated: April 17, 2018 15:04 IST

अक्षय तृतीया का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और सोने-चांदी के आभूषणों की खरीददारी करने के लिए प्रसिद्ध है।

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हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण तिथियों एवं पर्वों में से एक है अक्षय तृतीया। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह एक ऐसी तिथि है जो बेहद शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इसदिन विशेष शास्त्रीय उपाय करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस साल 18 अप्रैल, 2018 दिन बुधवार को अक्षय तृतीया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन का ही माना जाता है। इस कारण से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।

हिन्दू धर्म में यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और सोने-चांदी के आभूषणों की खरीददारी करने के लिए प्रसिद्ध है। इसदिन लोग सोने या चांदी की कैसी भी वस्तु खरीदते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा बद्री केदार नाथ की यात्रा भी अक्षय तृतीया के दिन से ही प्रारम्भ की जाती है।

अक्षय तृतीया का महत्व

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इसदिन तीर्थ स्थलों की यात्रा प्रारम्भ की जाती है, तीर्थों में स्नान, देवों के दर्शन तथा दान आदि शुभ कार्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया को जो मनुष्य विधिवत भगवान विष्णु का पूजन करता है वह मृत्यु उपरान्त विष्णु लोक को प्राप्त करता है। इसीदिन जल एवं अन्न का दान करने का भी विशेष महत्व होता है। 

पं दिवाकर त्रिपाठी जी के अनुसार इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व पर्व 18 अप्रैल 2018 का माना जा रहा है परंतु तृतीया तिथि एक दिन पहले ही 17 अप्रैल दिन मंगलवार की शाम 4 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी। यह तिथि 18 अप्रैल की रात में 3 बजकर 4 मिनट तक विद्यमान रहेगी। साथ ही सूर्योदय से रात 4:02 तक कृतिका नक्षत्र व्याप्त रहेगा।

बन रहे हैं 2 शुभ योग

सुबह 08:45 बजे के बाद चंद्रमा के उच्च राशि वृष में हो जाने से तथा सूर्य के उच्च राशि मे होने से इस दिन की शुभत्व में तीव्र वृद्धि होगा। पं दिवाकर त्रिपाठी जी की राय में इस बार अक्षय तृतीया का यह दिन व्यापार आदि कार्य के लिए अति शुभकारक है। साथ ही इस दिन आयुष्यमान योग तथा सिद्धि योग भी देर रात तक व्याप्त रहेगा। 

पूजा का शुभ मुहूर्त

पं दिवाकर त्रिपाठी जी ने बताया कि व्यापारिक कार्य प्रारम्भ करने का सबसे महत्वपूर्ण मुहूर्त स्थिर लग्न होता है। इस बार अक्षय तृतीया पर दो स्थिर लग्न बन रहे हैं। सुबह 07:15 से 08:55 तक 'वृष' स्थिर लग्न एवं दूसरा स्थिर लग्न 'सिंह' दोपहर 1:40 बजे से 03:45 तक रहेगा। इसके अलावा एक और स्थिर लग्न 'वृश्चिक' भी बनेगा जो कि रात में 08:25 से 10:25 तक चलेगा। कृतिका नक्षत्र सम्पूर्ण दिन व्याप्त रहेगा। साथ ही इन तीनों स्थिर लग्नो में व्यापार आदि का आरंभ, पूजा-पाठ एवं धातु की खरीदारी शुभ मानी जा रही है।

अक्षय तृतीया पर करें ये दान

अक्षय तृतीया के दिन पूर्ण जल भरा घड़ा ,स्वर्ण, सभी प्रकार के अन्न जैसे कि गेहूं, चना, सत्तू, चावल, आदि का दान करें। इसके अलावा पंखा, छाता, उपाहन का भी दान करना शुभ माना जाता है। 

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