Ekadanta Sankashti Chaturthi 2020: एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज, जानिए शुभ समय और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Updated: May 10, 2020 06:08 IST2020-05-10T06:08:17+5:302020-05-10T06:08:17+5:30
भगवान गणेश को हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है। कहते हैं हर शुभ काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश का नाम लिया जाए तो सारी मुश्किलें आसान हो जाती हैं।

Ekadanta Sankashti Chaturthi 2020: एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज, जानिए शुभ समय और पूजा विधि
आज भगवान गणेश की एकदंत संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन लोग श्री गणेश के लिए दिन भर उपासना करते हैं। भगवान गणेश को हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है। कहते हैं हर शुभ काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश का नाम लिया जाए तो सारी मुश्किलें आसान हो जाती हैं।
माना जाता है कि जो भी उपासक इस दिन गणेश भगवान की पूजा करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए आपको बताते हैं एकदंत संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
घर में होता है सुख-शांति का वास
एकदंत संकष्टी चतुर्थी पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को कहते हैं। वहीं अमावस्य के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। मान्यता है कि एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजन करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
बन जाएंगे बिगड़े काम
वैसे तो माना जाता है कि भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद होते हैं। मगर आप उन्हें दही और चीनी का भी भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि अगर आपके जीवन में लगातार परेशानियां चल रही हों या आपका कोई काम, बन ना रहा हो तो एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को दही और चीनी का भोग लगा दीजिए।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
1. इस दिन सुबह जल्दी स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. अब भगवान गणेश का स्मरण करके व्रत का संकल्प लें।
3. अब पूजा घर या पवित्र स्थान पर लाल या पीला कपड़ा लेकर चौकी पर बिछाएं और उस पर गणेश जी को विराजमान करें।
4. अब प्रतिमा या तस्वीर पर गंगाजल छिड़कें।
5. इसके बाद प्रतिमा पर गंध, पुष्प, अक्षत, जल, दूर्वा, पान, रोली आदि से विधि-पूर्वक पूजा करें।
6. अब भगवान गणेश को भोग लगाएं।
7. अब आरती करके अंत में प्रसाद वितरण करें।
8. इस दिन चंद्रमा दर्शन होने पर शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से चंद्रमा को अर्घ्य भी दें।

