Relationship Tips: गैसलाइटिंग से निपटने में काम आएंगे ये 6 तरीके, जानें कैसे रिश्ते पर पड़ता है इसका असर
By मनाली रस्तोगी | Updated: September 9, 2022 16:10 IST2022-09-09T16:09:19+5:302022-09-09T16:10:15+5:30
गैसलाइटिंग पार्टनर के साथ कैसे व्यवहार करें, यह उन लोगों के लिए एक सामान्य प्रश्न हो सकता है जो महसूस करते हैं कि उन्हें रिश्ते में गैसलाइट किया जा रहा है। गैसलाइटिंग से प्रभावी ढंग से निपटने के 6 तरीकों के बारे में जानिए।

Relationship Tips: गैसलाइटिंग से निपटने में काम आएंगे ये 6 तरीके, जानें कैसे रिश्ते पर पड़ता है इसका असर
Relationship Tips: गैसलाइटिंग के बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है। लेकिन अक्सर किसी न किसी एक पार्टनर के साथ रिलेशनशिप में ऐसा हो रहा होता है। गैसलाइटिंग को एक तरीके से भावनात्मक दुरुपयोग कहा जाता है। यह तब होता है जब कोई धमकाने वाला या गाली देने वाला आपको दुनिया के बारे में अपनी धारणाओं और समझ पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करता है।
इस तरह का धोखा धीरे-धीरे आपके आत्मविश्वास और आत्म-मूल्य को कम कर सकता है, जिससे आप उस व्यक्ति पर निर्भर हो जाते हैं जो आपको गैसलाइट कर रहा है। ऐसे में आखिरी में गैसलाइटिंग पीड़ित वास्तविकता की अपनी समझ पर संदेह करना शुरू कर देता है और यहां तक कि उनकी विवेक पर भी सवाल उठाना शुरू कर सकता है।
हालांकि, यह अक्सर दोस्ती और परिवार के सदस्यों के बीच भी होता है, लेकिन गैसलाइटिंग ज्यादातर रिलेशनशिप में देखने को मिलता है। मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति वाले लोग दूसरों को गैसलाइट कर सकते हैं। वे अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों, या यहां तक कि सहकर्मियों को नियंत्रित करने के लिए इस प्रकार के भावनात्मक शोषण का उपयोग करके उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं।
रिलेशनशिप पर कैसे पड़ता है इसका असर
जब रिलेशनशिप में रह रहे एक पार्टनर द्वारा दूसरे को गैसलाइट किया जाता है तो इससे रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ता है। धीरे-धीरे दोनों साथ में समय बिताना कम कर देते हैं और गैसलाइट होने वाले पार्टनर को हमेशा यही लगने लगता है कि गलती उसकी ही है। ऐसे में दोनों में दूरियां बढ़ सकती हैं। यही नहीं, गैसलाइट होने वाले पार्टनर में आत्मविश्वास की कमी होनी लगती है। यही नहीं, जब एक पार्टनर दूसरे को गैसलाइट करता है तो इस दौरान दोनों के बीच लड़ाई भी हो सकती है, जोकि रिश्ते में सिर्फ दूरी बढ़ाने का काम करती है।
गैसलाइटिंग का सिर्फ रिलेशनशिप पर ही नहीं बल्कि इससे पीड़ित व्यक्ति पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। इससे पीड़ित व्यक्ति का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान धीरे-धीरे छिन जाता है। ऐसे में उस इंसान हो बार-बार यही महसूस होता है कि वो बस दुर्व्यवहार के लायक ही है। इसके अलावा गैसलाइटिंग से व्यक्ति के सामाजिक जीवन पर काफी असर पड़ता है। ऐसे में इंसान किसी के साथ जल्दी घुलना-मिलना भी बंद कर देता है। गैसलाइटिंग के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।
गैसलाइटिंग से निपटने के 6 तरीके
(1) गैसलाइटर्स झूठे होते हैं। वे आपकी वास्तविकता को मोड़ने और दोष को कम करने के लिए सीधे आपके चेहरे पर झूठ बोलेंगे। यदि आप उनका सामना करते हैं, तो वे रक्षात्मक और प्रतिक्रियाशील हो जाते हैं।
(2) गैसलाइटर्स युक्तिसंगत बनाने में अच्छे होते हैं। वे भावनात्मक रूप से प्रतिक्रियाशील होने में विशेषज्ञ होते हैं और उनके पास हर सवाल का जवाब होता है, जिसकी वजह से उनसे किसी बहस में जीत पाना मुश्किल हो जाता है।
(3) अपनी व्यक्तिगत पहचान बनाए रखें और अपने हितों, सामाजिक समर्थन, उद्देश्य को बनाए रखें। एक गैसलाइटर आपकी स्वयं की भावना को नष्ट करने का प्रयास करेगा।
(4) गैसलाइटर्स आपको आत्मसम्मान को तोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे। गैसलाइटिंग को रोकने के लिए आपको अपने आत्मसम्मान को धीरे-धीरे पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता हो सकती है।
(5) ध्यान करने से आप अपने विचारों के प्रति अधिक जागरूक हो सकते हैं और अपनी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। गैसलाइटिंग पार्टनर से निपटने के लिए शांत रहना और अपने आंतरिक सत्य का स्वामी होना आवश्यक है।
(6) एक प्रोफेशनल आपको गैसलाइटिंग से निपटने में मदद कर सकता है और आगे के दुरुपयोग से बचने के लिए सीमाएं निर्धारित कैसे करनी है इसके बारे में भी बता सकता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)