सास-बहू में कभी ना हो 'तू तू मैं मैं', अगर खत्म हो जाएं ये 4 कारण
By गुलनीत कौर | Published: July 25, 2018 05:45 PM2018-07-25T17:45:56+5:302018-07-25T17:45:56+5:30
अपनी सास की सहेली की सास से तुलना करना या फिर अपनी बहू की पड़ोसन की बहू से तुलना करना, इससे मन में असंतोष की भावना आती है।
शादी के बाद एक लड़की की जिंदगी काफी बदल जाती है। पुराने रिश्तों के अलावा उसकी जिंदगी में कई सारे नए रिश्ते जुड़ जाते हैं। जिन्हें वो धीरे-धीरे समझने और फिर निभाने की कोशिश करती है। शादी के बाद नए घर में सबसे पहले उसका पति और उसके बाद सास सबसे महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं। और कई बार तो सास की खुशी पति से बढ़कर भी हो जाती है। लेकिन इसके बावजूद भी सास-बहू का रिश्ता हमारे समाज में हमेशा सवालों और निगेटिव बातों के बीच ही उलझा रहता है। हर कोई कहता है कि बहू या सास कितने भी अच्छी स्वभाव के हों, उनमें कभी नहीं बन सकती। लेकिन क्या कभी ने इसके पीछे के असल कारणों को जानने की कोशिश की है? अगर ये कारण दूर कर दिए जाएं या इनपर काबू पा लिया जाए तो सास-बहू के बीच की इस 'तू तू मैं मैं' को धीरे-धीरे खत्म किया जा सकता है।
1. कभी पति तो कभी बेटा
शादी के बाद बेटा जब नई बहू को घर लाता अहै तो मां उसकी इस खुशी से बेहद खुश होती है। बेटे का घर बसते हुए देख उसे दिल से खुशी होती है लेकिन थोड़े ही समय में जब बेटे की जिन्दगी में मां के अलावा बीवी की भी अहमियत बढ़ने लगती है तो मां के मन में आशंकाएं पैदा होने लगती हैं। उसे यह लगता है कि शायद बेटा अब अपनी बीवी की ज्यादा सुनता है और तब 'जलन' की भावना के चलते सास-बहू में मतभेद होने लगता है। दूसरे ओर बीवी को भी जब इस बात का एहसास होता है कि पति अपनी मां की ज्यादा सुनता है, तो यह भी झगड़े का कारण बनता है।
2. घर के काम
बहू हाउस वाइफ हो या वर्किंग वुमन, घर के कामों के लेकर अकसर सास-बहू में झगड़ा हो जाता है। कौन सा काम कौन कर रहा है और किस तरीके से करना है और अगर किसी एक के तरीके के ठीक उलट काम किया जाए, तब भी झगड़ा पैदा हो जाता है।
3. दूसरों से तुलना
अपनी सास की सहेली की सास से तुलना करना या फिर अपनी बहू की पड़ोसन की बहू से तुलना करना, इससे मन में असंतोष की भावना आती है। धीरे-धीरे मनमुटाव बढ़ता है और बिना मतलब के झगड़े पैदा होने लगते हैं।
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4. बार-बार मायके जाना
शादी के बाद लड़की के लिए पति का घर ही अपना घर होता है लेकिन फिर भी उसका बार-बार अपने खुद के माता-पिता और पुराने घर जाने का मन करता है। यह सभी के साथ होता है, लेकिन अकसर सास को इस बात से आपत्ति होने लगती है। भले ही वह कुछ कहकर ना जताए, लेकिन अन्दर ही अन्दर उन्हें दिक्कत होती है।