इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिलीज 2018: भारत में है दुनिया का सबसे बड़ा परिवार
By मेघना वर्मा | Published: May 15, 2018 10:33 AM2018-05-15T10:33:56+5:302018-05-15T10:38:56+5:30
International Day of Families 2018: कल्पना कीजिए की दो बीएचके के फ्लैट में आपका 10 लोगों का परिवार रहें। शायद इस चीज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन भारत और दुनिया को सबसे बड़ा ये परिवार चार मंजिला इमारत के 100 कमरों में रहता है।
भारतीय संस्कृति की बात करें तो यहां संयुक्त परिवार को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है। परिवार के लोगों की राय लिए बिना ना कोई काम किया जाता है और ना ही किसी नतीजे पर पहुंचा है। आज के भाग-दौड़ की जिंदगी में भले ही लोग अपने संयुक्त परिवार से दूर हों लेकिन सब आपस में मिल के ही रहते हैं। संयुक्त परिवार की बात करें तो बड़े से बड़े फैमिली में ज्यादा से ज्यादा 20 लोग रहते हैं लेकिन आज इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिलीज पर हम आपको ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया का सबसे बड़ा परिवार घोषित किया गया है। और ये कहीं विदेश में नहीं बल्कि भारत में ही मौजूद है। यहां एक साथ 181 लोग रहते हैं। दिलचस्प बात ये है कि इस परिवार ने संयुक्त परिवार की सबसे बड़ी परिभाषा को आज भी बनाएं रखा है। जिसके मुताबिक इन सभी परिवार वालों का खाना एक ही रसोई में बनाता है। आप भी जानिए क्या है इस परिवार की खासियत...
मिजोरम है दुनिया को सबसे बड़ा परिवार
मिजोरम के बख्तवांग गाँव में दुनिया का सबसे बड़ा परिवार बसा है। इसके मुखिया का नाम डेड जियोना हैं। जिनकी 39 पत्नियाँ और 94 बच्चे, 14 बहुएँ और 33 पोते-पोतियां हैं। डेड जिओना की उम्र है 67 साल, पेशा कारपेंटरी का है। जिओना ने 17 साल की उम्र में जाथिआंगी से पहली शादी की थी। उसके बाद समय के साथ उन्होंने शादियां करना जारी रखा। हैरानी की बात तो ये है कि डेड आज भी शादियाँ करने की इच्छा जताते हैं।
चार मंजिला के 100 कमरों में रहता है पूरा परिवार
कल्पना कीजिए की दो बीएचके के फ्लैट में आपका 10 लोगों का परिवार रहें। शायद इस चीज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन भारत और दुनिया को सबसे बड़ा ये परिवार चार मंजिला इमारत के 100 कमरों में रहता है। बात करें परिवार के अनुशासन की तो यहां पूरी तरह से सेना जैसा अनुशासन रहता है। परिवार के मुखिया की पहली पत्नी जाथिआंगी का घर में राज चलता है। डेड की दूसरी सारी पत्नियां उनकी इज्जत करती हैं और उन्हीं का कहा घर में माना जाता है। आज भी जाथिआंगी ही सबको उनके काम सौंपती हैं।
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एक दिन में बनते है 40 मुर्गे
यहां एक दिन के राशन में करीब 45 किलो चावल, 60 किलो सब्जियां, 25 किलो दाल, 30 से 40 मुर्गे और 50 अंडे के अलावा 20 किलो फलों की जरूरत पड़ती हैं। 100 कमरों के इस घर में 50 टेबलों वाला एक डायनिंग हाल है, जिसमें खाना परोसा जाता है। जियोना की बड़ी फैमिली होने के नाते स्थानीय चुनावों में उनका खासा प्रभाव पड़ता है। जियोना ऐसे सम्प्रदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो अपने सदस्यों को असिमित शादियां करने की अनुमति देता है।