समय रहते पेरेंट्स बच्चे को जरूर बताएं ये एक बात, कहीं देर ना हो जाए
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 22, 2018 01:45 PM2018-08-22T13:45:53+5:302018-08-22T13:45:53+5:30
बच्चों के साथ बढ़ती आपराधिक घटनाओं के माहौल में उन्हें सिर्फ गुड टच और बैड टच की जानकारी देना ही काफी नहीं, बल्कि ये बातें बताना भी जरूरी है..
नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था कि हिंसा और डर की चपेट में बच्चे सब से ज्यादा आते हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें हिंसा और डर से मुक्त जीवन प्रदान करें। मगर आज बच्चों को सुरक्षित माहौल देना बहुत मुश्किल काम हो गया है। रोज-रोज होने वाली बालशोषण, रेप, किडनैप की घटनाओं ने माता-पिता को बहुत चिंतित कर दिया है। टीवी पर ऐसी घटनाओं को देखते रहने के बाद 35 वर्षीय स्नेहा ने महसूस किया कि अपनी 10 वर्षीय बेटी सिया को गुड टच, बैड टच बता देना ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने अपनी बेटी को एक पासवर्ड दिया और कहा कि यदि कोर्इ हमारा नाम लेकर उसे कुछ खाने के लिए दे और कहीं चलने के लिए कहे तो वह उससे पासवर्ड पूछे। उसने अपने पति और बेटी के साथ कई कोडवर्ड बनाए ताकि उनकी बेटी सुरक्षित रहे।
ये तरीके अपनाएं
बच्चे मासूम होते हैं। वे किसी पर भी आसानी से विश्वास कर लेते हैं। बेटियों की मां नमिता बताती हैं, ‘यदि कोई अजनबी बच्चों को चॉकलेट ऑफर करता है, तो अकसर वे ले लेते हैं। मैंने बेटियों को समझा दिया है कि उन्हें जो कुछ भी चाहिए मैं उन्हें ले कर दूंगी। उन्हें किसी भी अजनबी से कुछ नहीं लेना है। मैं उन्हें ज्यादा नैगेटिव चीजें नहीं बताती हूं ताकि कहीं उन के मन में डर न बैठ जाए।’ टीचर पारुल ने आवश्यकता पड़ने पर अपने बेटे को आवाज लगाना सिखाया है।
उनका कहना है, ‘मैं ने अपने बेटे से कहा है कि यदि कोई उसे जबरदस्ती पकड़ने की कोशिश करे तो वह जोर से चिल्लाए। मैंने घर पर इस की प्रैक्टिस भी करवाई है। उसे बताया है कि वह उस व्यक्ति का हाथ जोर से काट ले और जैसे ही उस व्यक्ति का ध्यान बंटे, वहां से भाग ले।’
जब भी माता-पिता को समय मिले, वे बच्चे से जरूर बात करें, उनके स्कूल के बारे में पूछें। 6 साल की गरिमा की मम्मी कहती हैं, ‘वे दिन गए जब हम बच्चों से सिर्फ उन की पढ़ाई और होमवर्क के बारे में ही बात करते थे। उनसे टीचर्स, चपरासी, बस ड्राइवर के बारे में बात करते रहना चाहिए। वे किसी से असहज तो नहीं हैं, यह पता करते रहना चाहिए, उन्हें किसी से न डरने की सीख देते रहना चाहिए, उन्हें बोल्ड बनाते रहना चाहिए।’
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बच्चों के साथ बातें करते हुए माता-पिता को घर में एक स्वस्थ माहौल बनाए रखना चाहिए। उन्हें यह विश्वास होना चाहिए कि मातापिता हर स्थिति में उन की बात सुनेंगे। इस से उन के मन में कोई डर नहीं रहता है। अपने बच्चों की अच्छी हेल्थ और सुरक्षा हर मातापिता की प्राथमिकता होनी चाहिए। मातापिता हर समय बच्चों के साथ नहीं रह सकते पर उन्हें अति आवश्यक सुरक्षा संबंधी निर्देश दे कर सजग जरूर बना सकते हैं। उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में जरूर बताएं। बच्चों को सैल्फडिफेंस सिखाएं, दिन कैसा रहा, इस से संबंधित प्रश्न पूछते रहें।