जयपुर: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में दो महिलाओं के साथ की गई दरिंदगी का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमलावर है। लेकिन इसी बीच राजस्थान में विधायक और मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एक बयान से अपनी ही सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी।
राजस्थान के मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में कहा, "यह सच है और इसे स्वीकार करना चाहिए कि हम महिला सुरक्षा में विफल रहे हैं। मणिपुर के बजाय हमें अपने अंदर झांकना चाहिए कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं।"
इससे पहले कांग्रेस नेता और विधायक दिव्या मदेरणा भी गहलोत सरकार के लिए महिला सुरक्षा पर बयान देकर असहज स्थिति पैदा कर दी थी। कांग्रेस की महिला नेता ने कहा था कि महिला विधायक होने के बाद भी वह राज्य में सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। जोधपुर में एक महिला के साथ हुए गैंगरेप की घटना के बाद दिव्या मदेरणा ने ये बयान दिया था।
मदेरणा ने कहा था, "महिला विधायक होने के बावजूद मैं राजस्थान में सुरक्षित नहीं हूं। मैंने अपने ऊपर होने वाले संभावित हमलों के बारे में कई बार शिकायत की है। हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। वे अक्सर मेरे घर के पास से गुजरते हैं। कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई। मैं सरकार से जोधपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान देने की अपील करती हूं।"
बता दें कि मणिपुर के पूरे मामले पर राजनीतिक पारा भी गरम हो गया है। संसद को दोनों सदनों में इस मामले को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष पीएम मोदी से इस घटना और मणिपुर के हालात पर संसद में बयान चाहता है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस पर जिस नियम के तहत चर्चा चाहते हैं उसके लिए केंद्र सरकार तैयार नहीं है।
विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में रूल 193 और राज्यसभा में रूल 176 और रूल 267 के तहत नोटिस दिए हैं। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मनिकम टैगोर और राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह और RJD नेता मनोज कुमार झा सहित कई सांसदों ने नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने की मांग रखी। हंगामे के कारण राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है।