जयपुर: राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं लेकिन उससे पहले सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान के हाथों में है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अशोक गहलोत ने चुनाव नतीजों के बाद अपनी भूमिका को लेकर कहा, "मेरा वही काम होगा, जो आलाकमान मुझसे चाहता है। मैं अपनी भूमिका खुद तय नहीं करता हूं। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मुझे जो भूमिका देगा, मैं उसे सहर्ष निभाऊंगा।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान चुनाव में बहुमत के साथ सत्ता विरोधी लहर को मात देने की बात कही।
उन्होंने कहा, "राजस्थान की जनता ने इस बार फिर सूबे में कांग्रेस की सरकार को दोहराने का मूड बना लिया है। मेरा मानना है कि हम 156 सीटों की ओर बढ़ रहे हैं। जनता इस बार के चुनाव में उस परंपरा को तोड़ने जा रही है, जिसमें वह हर 5 साल में सरकार को बदल देती थी।"
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, "अगर केरल के 76 साल के रिकॉर्ड को कोविड के दौरान तोड़ा जा सकता है तो हमने भी कोविड के बाद बहुत शानदार काम किया है। राजस्थान के लोग केरल के लोगों से कम बुद्धिमान नहीं हैं। इसलिए हम राजस्थान में अपनी सरकार को दोहराने जा रहे हैं। यहां का भीलवाड़ा मॉडल विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास गया और पूरी दुनिया में उसकी प्रशंसा हुई। कोविड के दौरान कोई भूखा नहीं था। हमने धार्मिक गुरुओं, कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम किया था।''
अपनी सरकार की तारीफ करते हुए अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को गिराने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा, "ईडी और आईटी जैसी एजेंसियां बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनका वास्तविक काम आर्थिक अपराधियों को रोकना है। इनका ध्यान उधर जाना चाहिए ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत रहे और आर्थिक अपराध न हों। उनका काम उसी दिशा में काम करने का है।"
सीएम गहलोत ने कहा, "नौ सालों से इन एजेंसियों के जरिये सिर्फ सरकारों को गिराने और बनाने का काम चल रहा है। विधायकों को धमकाकर पार्टी बदलवाया जाता है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में ईडी और आईटी के दबाव में सरकार गिराने की कोशिश की गई। लेकिन लोगों को यह पसंद नहीं है।"
गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी आलोचना करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस चुनाव अभियान के दौरान अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "प्रधानमंत्री एक बहुत बड़ा पद है और उनका बयान पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है क्योंकि उनके भाषण में शालीनता का अभाव है। वे मतदाताओं से जो कुछ भी कहते हैं 'बटन दबाओ इससे तुम कांग्रेस सरकार को झटका दोगे। चुनाव प्रचार में भाषा में हिंसा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। यदि वे व्यंग्यात्मक होना चाहते हैं तो बहुत सारे अन्य शब्द भी हैं, उन्हें विनम्र शब्दों का उपयोग करना चाहिए।"
मालूम हो कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव होगा क्योंकि करणपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया है।