Ajmer:राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह कोई दरगाह नहीं बल्कि एक हिंदू मंदिर है। यह दावा किया है महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने। उन्होंने इस संबंध में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने को कहा है। राजवर्धन ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडस से एक वीडियो और सीएम को लिखे पत्र की कॉपी भी पोस्ट की है। सुनिए क्या बोले रहे हैं राजवर्धन।
राजवर्धन ने वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि अजमेर दरगाह कोई दरगाह नहीं बल्कि एक हिंदू मंदिर है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराणा प्रताप सेना ने पहले इसे राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के संज्ञान में लाया था। हालाँकि, पिछली सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। उन्होंने सीएम भजनलाल से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा को लिखे पत्र में राजवर्धन सिंह परमार ने कहा कि राजस्थान के कई जिलों में निकाली गई जन जागरण यात्रा के दौरान कई लोगों ने इस मांग का समर्थन किया है। उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि वे आवश्यक निर्देश जारी करें और अयोध्या, बाबरी मस्जिद और वाराणसी में की गई जांच की तरह अजमेर में दरगाह की भी जांच करवाए।
गौर करने वाली बात यह है कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को कुछ चौंकाने वाला साक्ष्य मिले हैं। एएसआई की टीम ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि वहां हिंदू मंदिर होने के कई प्रमाण मिले हैं।
इधर दूसरी तरफ अजमेर दरगाह पर जांच कराने को लेकर सीएम को पत्र लिखा गया है। अब देखना होगा कि सीएम भजनलाल इस पर क्या फैसला लेते हैं। क्या सीएम भजनलाल की सरकार अजमेर दरगाह पर भी जांच कराने के निर्देश देंगे।