पटना, 07 जूनः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में फिलहाल कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है और आपस में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर खींचतान चल रही है। एनडीए का घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि वे यूटर्न लेकर लालू प्रसाद यादव के पास जा सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एनडीए को जीतना है तो उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री बनाना पड़ेगा। हम नीतीश कुमार के विरोध में नहीं हैं, लेकिन अभी स्थिति यह है कि नीतीश के चेहरे के साथ बिहार में एनडीए नहीं जीत सकता।
वहीं, आपको बता दें, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में एक बड़े हिस्से पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (एजेपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं। जेडीयू इस बात पर जोर दे रही है कि बिहार में गठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं और यह राज्य में बड़ा साझेदार है। इसके जरिए वह संकेत दे रहा है कि उसे सीटों का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। वहीं , इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बीजेपी कह रही है कि वह इस बात से सहमत है कि राज्य में राजग का चेहरा नीतीश ही हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा इसलिए भगवा पार्टी सीटों का बड़ा हिस्सा मांग रही है।
इस पूरी बहस का मुख्य विषय यह है कि क्या 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन को देखा गया, जब वह राजग से बाहर था या फिर 2015 के विधानसभा चुनावों में उसके प्रभावी प्रदर्शन पर गौर किया जाए। हालांकि, विधानसभा चुनाव उसने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन कर लड़ा था। दोनों पार्टियों (जदयू और भाजपा) ने जब साल 2009 का लोकसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ा था तब जदयू ने 22 और भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जदयू ने 25 सीटों और भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
जदूय प्रवक्ता अजय आलोक ने संवाददाताओं से कहा था कि नीतीश बिहार में हमेशा ही राजग के नेता रहे हैं। जदयू हमेशा ही बड़ा साझेदार दल और प्रदेश में बड़ा भाई रहा है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद पार्टी के नेता केसी त्यागी और पवन वर्मा के रूख के अनुरूप यह बात कही।
दरअसल , मीडिया के एक धड़े में यह खबर आई थी कि पार्टी की कोर कमेटी की एक बैठक में यह कहा गया था कि जेडीयू बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभाएगा, जैसा कि बीजेपी दिल्ली में निभाती है। यह पूछे जाने पर कि क्या जेडीयू अधिक संख्या में सीटों के लिए दबाव बनाएगा, इस पर आलोक ने कहा था कि अतीत में, ऐसे मौके रहे हैं जब बिहार में जेडीयू ने 40 में 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और बीजेपी 15 सीटों पर लड़ी। लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें !