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GST: यूपीए के मुख्यमंत्रियों और ममता बनर्जी के साथ सोनिया गांधी की बैठक, मोदी सरकार ने किया छल, हालात बद से बदतर

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 26, 2020 15:48 IST

सोनिया गांधी ने कहा कि 11 अगस्त को वित्त की स्थायी समिति की बैठक में केंद्र ने कहा कि वह चालू वर्ष के लिए 14% की जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। यह इंकार मोदी सरकार की ओर से विश्वासघात से कम नहीं है। 

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ठळक मुद्दे इस बैठक में महाराष्ट्र और झारखंड के सीएम भी शामिल हुए। कुल सात राज्य के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा लिए। जीएसटी परिषद की बैठक में सामूहिक रुख अख्तियार करने के लिए डिजिटल बैठक की।जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी से जुड़े मुआवजे के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से साझा रणनीति बनाएंगी।

नई दिल्लीः यूपीए के मुख्यमंत्रियों और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक की। गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकार किया जाना मोदी सरकार द्वारा राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं।

इस बैठक में महाराष्ट्र और झारखंड के सीएम भी शामिल हुए। कुल सात राज्य के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा लिया। सोनिया गांधी ने कहा कि 11 अगस्त को वित्त की स्थायी समिति की बैठक में केंद्र ने कहा कि वह चालू वर्ष के लिए 14% की जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। यह इंकार मोदी सरकार की ओर से विश्वासघात से कम नहीं है। 

केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं

सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि  पर्यावरण असर आकलन (ईआईए) कानून का मसौदा अलोकतांत्रिक है : मोदी सरकार ने पर्यावरण, लोक स्वास्थ्य की सुरक्षा वाले कानूनों को कमजोर किया है।  गैर भाजपा दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में ममता बनर्जी ने कहा ने कहा कि सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं। 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गैर भाजपा शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष के खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल कर संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका, इसने सरकार की असंवेदनशीलता उजागर की है। छात्रों की समस्याओं और परीक्षाओं के मुद्दे से केंद्र लापरवाही से निपट रहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गैर भाजपा दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि हमें फैसला करना चाहिए कि हमें केंद्र सरकार से डरना है या लड़ना है।

मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल

सोनिया गांधी ने जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है। सोनिया ने पार्टी शासित चार राज्यों और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक में यह दावा भी किया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के प्रगतिशील, धर्मनरिपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है।

उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया। इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया। गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है।’’ सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है।

उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार एकतरफा उपकर लगाकर मुनाफा कमा कर रही है और राज्यों के साथ मुनाफा साझा नहीं किया जा रहा है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें चिंतित होना चाहिए। यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए निश्चित तौर पर झटका है।’’

सोनिया ने जीएसटी परिषद से ठीक एक दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ डिजिटल बैठक की।

जीएसटी परिषद की बैठक 27 अगस्त को होगी। उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के 5 साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है। राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है।

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