जयपुरः राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं। इस बीच कांग्रेस उन्हें मनाने की भी कोशिश नहीं कर रही है, जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि पायलट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम सकते हैं।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के ठीक तीन महीने बाद कांग्रेस के हाथ से एक राज्य जा सकता है। पायलट ने सोमवार को मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत की ओर से बुलाई गई कांग्रेस विधायकों की अहम बैठक में जाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद यह लगने लगा है कि पायलट राजस्थान में सत्ता का पासा पलट सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट सोमवार सुबह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात कर सकते हैं। उन्होंने रविवार रात दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है और 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है। एक अधिकारिक बयान में पायलट ने कहा कि वह सोमवार को होनेवाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सरकार को बीजेपी द्वारा अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाने के बाद राजनीतिक संकट के बीच पायलट की यह पहली प्रतिक्रिया है। यह आरोप लगाया गया था कि बीजेपी मध्य प्रदेश की तर्ज पर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, जबकि पार्टी के विधायक और निर्दलीय विधायक गहलोत के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करने के लिए उनके निवास पर मुलाकात की है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले पायलट
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान ने पायलट से मिलकर इस मामले में बात करने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई है। ऐसे में अब खबर है कि सचिन पायलट ने बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में 40 मिनट तक मुलाकात की है। सचिन पायलट खुद सिंधिया के दिल्ली स्थित उनके घर पर मिलने के लिए गए थे। यहां उन्होंने राजस्थान के सत्ता संग्राम को लेकर सिंधिया का साथ बात की है।
कुछ विधायकों के दिल्ली में होने से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली
पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी। हालांकि तीन ऐसे विधायकों ने जयपुर आकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली वे अपने व्यक्तिगत कारणों से गये थे। दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने कहा कि उनके बारे में मीडिया ने आंशका जताई थी, लेकिन वो पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन पार्टी के एक सच्चे सिपाही के जैसे करेंगे।