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विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

By भाषा | Updated: April 2, 2018 12:33 IST

सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा 'सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। आसन हर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने के लिए तैयार है। फिर भी यह हंगामा हो रहा है, इसका कारण समझ में नहीं आता।

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नई दिल्ली, 2 अप्रैल:  राज्यसभा में सोमवार को भी कोई कामकाज नहीं हो पाया और अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे की वजह से सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की बैठक पांच मार्च को शुरू होने के बाद से ही उच्च सदन में कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग, पंजाब नेशनल बैंक घोटाला और अनुसूचित जाति, जनजाति संबंधी कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले जैसे मुद्दों पर लगातार हंगामा होता रहा है। हंगामे की वजह से बजट सत्र के दूसरे चरण में एक दिन भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर ऐसा ही कुछ नजारा लोकसभा में भी देखने को मिला।

सोमवार को भी उच्च सदन में विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया। सभापति एम वेंकैया नायडू के आसन पर बैठते ही अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और सपा आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और अपने अपने मुद्दों को लेकर हंगामा करने लगे। सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे कम से कम आवश्यक दस्तावेज तो सदन के पटल पर रखवाने दें। 

हंगामे के बीच ही सभापति ने दस्तावेज रखवाए। अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के तत्काल गठन की मांग कर रहे थे। तेदेपा सदस्य और कांग्रेस के केवीपी रामचंद्र राव आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस और बसपा सदस्यों ने अनुसूचित जाति, जनजाति संबंधी कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुद्दा उठाया। 

सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा ‘‘आज जो कर रहे हैं, उसे पूरा देश देख रहा है। क्या आप चाहते हैं कि पूरा देश इस स्थिति को लगातार देखे? क्या आप कुछ भी हासिल नहीं करना चाहते ? लोग सवाल करेंगे कि यह किस तरह की संसदीय व्यवस्था है ?'

उन्होंने कहा कि सदस्य जिन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, आसन उसकी अनुमति देने के लिए तैयार है। सदस्य हंगामा करने के बजाय चर्चा करें ताकि मुद्दों का समाधान निकल सके। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा ‘‘यह बात साफ हो चुकी है कि विपक्ष अलग अलग मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है लेकिन चर्चा करना नहीं चाहता। हर दिन ये लोग चर्चा की मांग उठा कर हंगामा करते हैं और कार्यवाही चलने नहीं देते। आखिर यह शोरशराबा क्यों किया जा रहा है।’’ 

उन्होंने कहा 'जिस भ्रष्टाचार का मुद्दा विपक्षी सदस्य उठा रहे हैं उस पर लगाम कसने के लिए सरकार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में संशोधन करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक 2013 ला रही है। इस विधेयक को आज चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। मोटर यान (संशोधन) विधेयक 2017 तथा स्टेट बैंक (निरसन और संशोधन) विधेयक 2017 भी महत्वपूर्ण विधेयक हैं और आज चर्चा के लिए सूचीबद्ध हैं। ’’ 

गोयल ने कहा 'सदस्य बैंक घोटाले का मुद्दा उठा रहे हैं, उस पर भी आज अल्पकालिक चर्चा प्रस्तावित है। इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज पर भी चर्चा होनी है। और भी विधेयक हैं। लेकिन विपक्षी सदस्यों को इसकी परवाह नहीं है। वह अपने छोटे छोटे मुद्दों को लेकर सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते। यह सही नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।'

सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा 'सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। आसन हर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने के लिए तैयार है। फिर भी यह हंगामा हो रहा है, इसका कारण समझ में नहीं आता। ' सदन में व्यवस्था न बनते देख सभापति ने 11 बज कर करीब पांच मिनट पर ही बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा भी दिन भर के लिए स्थगित 

बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में आज लगातार 18वें दिन भी प्रश्नकाल नहीं चल सका और कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर सभा को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक के सदस्य पिछले दिनों की तरह हाथों में तख्तियां लेकर आसन के समीप आकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक सांसद जोरदार तरीके से ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘वी डिमांड कावेरी बोर्ड’ के नारे लगा रहे थे। लोकसभाध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन हंगामा जारी रहा।

उधर तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विरोध दर्ज करा रहे थे जो बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं। वे हमेशा की तरह पीली पट्टिका डाले हुए थे और आज काली पट्टी भी पहने हुए थे।इस बीच कांग्रेस के कुछ सदस्यों को अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ कहते देखा गया। हंगामे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। जिसके बाद लोकसभा को भी दिन भर के लिए स्थगित किया गया।

 

 

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