Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों ने दी कोर्ट में अयोग्यता नोटिस को चुनौती, 3 बजे होगी सुनवाई
By धीरज पाल | Published: July 16, 2020 02:09 PM2020-07-16T14:09:06+5:302020-07-16T14:33:40+5:30
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के अयोग्यता नोटिस को चुनौती देते हुए सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायक पृथ्वीराज मीणा राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंचे।
राजस्थान में जारी सियासी उथल-पुथल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों ने राजस्थान हाई कोर्ट में अयोग्यता नोटिस के खिलाफ चुनौती दे दी है। इस मामले में कोर्ट आज 3 बजे सुनवाई करेगा। मालूम हो कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से 15 जून को नोटिस भेजा गया था। स्पीकर ने इन विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के अयोग्यता नोटिस को चुनौती देते हुए सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायक पृथ्वीराज मीणा राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंचे। इस मामले की सुनवाई आज दोपहर 3 बजे होगी। हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी उनका प्रतिनिधित्व करेंगे।
Prithviraj Meena, MLA supporting Sachin Pilot, moves Rajasthan High Court challenging state Assembly Speaker's disqualification notice to them; matter to be heard at 3 pm today. Harish Salve & Mukul Rohatgi to represent them. pic.twitter.com/715UbUx09o
— ANI (@ANI) July 16, 2020
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सचिन पायलट और उनके समर्थकों को जारी नोटिस पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) की नीयत में भी खोट है और सरकार की नीयत में तो पहले से ही खोट था। पूनिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विधायक दल की बैठक में विधायकों की अनुपस्थिति उनकी अयोग्यता का कारण नहीं होती है। इसका मतलब विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) की नीयत में भी खोट है और सरकार की नीयत में तो पहले से खोट था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उसके कानूनी पक्ष का अध्ययन कर रहे हैं। हम अपनी तरफ से जो हमारी भूमिका रहेगी उस पर विचार करेंगे लेकिन खासतौर पर जिनकी अपनी लडाई है, उनका जरूर नैतिक दायित्व है कि उस लडाई को वो कानूनी और संवैधानिक दायरे में रहकर लड़ें।’’
कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने के आरोपों के बाद गहलोत सरकार से विधानसभा में शक्ति परीक्षण की मांग पर पूनिया ने कहा कि पार्टी की तरफ से इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका यदि विधानसभा के अंदर व्हिप उल्लंघन का कोई मामला आता है तब होती है। विधानसभा के बाहर कौन सी पार्टी क्या करती है, वो पार्टी अनुशासन में आता है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो कुछ कार्रवाई की है वह विधानसभा के बाहर की है, उसके लिये विधानसभा की ओर से नोटिस देना किसी भी दृष्टि से और न ही कानूनन उचित है।