राजस्थान में संकटः सत्य हमारे साथ, हर हाल में जीत हमारी, सीएम गहलोत बोले- भाजपा हो या कांग्रेस, कोई चुनाव नहीं चाहता
By धीरेंद्र जैन | Updated: July 21, 2020 21:17 IST2020-07-21T21:00:35+5:302020-07-21T21:17:03+5:30
मुख्यमंत्री विधायक दल की बैठक को संबोधित करने के बाद अपने निवास पर चले गये। जहां प्रदेश केबिनेट की बैठक होनी है और ऐसा माना जा रहा है कि इसमें मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से विधानसभा सत्र बुलाने और हाईकोर्ट के निर्णय के बाद की रणनीति के विषय में चर्चा करेंगे।

आप चट्टान की तरह खड़े रहे, विजय आपकी होगी। देश में जो घटित हो रहा है वह आप देख ही रहे हैं। (file photo)
जयपुरः राजस्थान में सत्ता को लेकर चल रही राजनीतिक उठा-पटक के 12वें दिन आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों की बैठक में भावी रणनीति की चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा हो चाहे कांग्रेस, आज चुनाव कोई नहीं चाहता, इसलिए आप चट्टान की तरह खड़े रहे, विजय आपकी होगी। देश में जो घटित हो रहा है वह आप देख ही रहे हैं।
मुख्यमंत्री विधायक दल की बैठक को संबोधित करने के बाद अपने निवास पर चले गये। जहां प्रदेश केबिनेट की बैठक होनी है और ऐसा माना जा रहा है कि इसमें मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से विधानसभा सत्र बुलाने और हाईकोर्ट के निर्णय के बाद की रणनीति के विषय में चर्चा करेंगे।
उधर, ट्विटर पर वीडियो जारी करके कांग्रेस से निलंबित किए गए पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। यह तथ्य किसी से छुपा नहीं है। परसों तक मैं उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री था और अब मुझ पर एसीबी और एसओजी के केस लगा दिए गए। हमने कोई बेइमानी नहीं की। यह सर्वविदित है कि मैं बेबाकी से बोलने वाला आदमी हूं और बेबाकी से बोलता रहूंगा। ऐसी गीदड़ भभकियों से मैं डरनेवाला नही हूं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से प्रदेश में फोन टैपिंग मुद्दे पर मांगी गई रिपोर्ट पर राज्य सरकार संभवतः आज जवाब भेज सकती है। उल्लेखनीय है कि शनिवार को केंद्र सरकार नेराज्य सरकार को भेजे नोटिस में कहा था कि गृह मंत्रालय को यह शिकायत मिली है कि राज्य सरकार ने संजय जैन नाम के किसी व्यक्ति का फोन टेप किया है। यह नियमों के खिलाफ है। ऐसे में राज्य सरकार स्पष्ट करे कि किन नियमों के तहत फोन टैपिंगकी गई। गृह विभाग की ओर से इस मामले में आज मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपेजाने की संभाावना है। फिर इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।
विधायकों को नोटिस पर कार्यवाही 24 जुलाई की शाम तक टाली विधानसभा अध्यक्ष ने
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सी पी जोशी ने कांग्रेस के 19 विधायकों को जारी अयोग्यता के नोटिस पर कार्यवाही अब 24 जुलाई की शाम तक स्थगित रखने का फैसला किया है। जोशी ने मंगलवार को उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आग्रह पर यह फैसला किया।
विधानसभा सचिवालय के बयान के अनुसार उच्च न्यायालय में प्रकरण लम्बित होने के कारण राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने न्यायिक औचित्य व न्यायिक गरिमा को दृष्टिगत रखते हुए 19 विधायकों को दिये गये नोटिस पर की जाने वाली कार्यवाही को 24 जुलाई की सायंकाल तक स्थगित किया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था। पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्यता नोटिसों को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया।
In the view of the request of Rajasthan High Court, Speaker CP Joshi has postponed the further course of action, in connection with disqualification notice sent to 19 MLAs, till the evening of 24th July: Rajasthan Assembly Secretariat https://t.co/CHnZaF9Qvf
— ANI (@ANI) July 21, 2020
पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस देने के मामले में बहस पूरी, 24 को फैसला
In the view of the request of Rajasthan High Court, Speaker CP Joshi has postponed the further course of action, in connection with disqualification notice sent to 19 MLAs, till the evening of 24th July: Rajasthan Assembly Secretariat https://t.co/CHnZaF9Qvf
— ANI (@ANI) July 21, 2020गुरुवार को सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी किये गये नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर आज हाईकोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी अपनी ओर से दलीलें पेश की।
दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद मुख्यन्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती की दो सदस्यीय बेंच ने इस मामले में अपना निर्णय 24 जुलाई तक सुरक्षित रखा है। साथ ही सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों पर तब तक विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
विधानसभा स्पीकर ने विधायकों को जवाब देने के लिए तीन दिन का ही वक्त दिया
आज पायलट गुट की ओर से दलीलें पेश करते हुए उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा स्पीकर ने विधायकों को जवाब देने के लिए तीन दिन का ही वक्त दिया, जबकि कम से कम 7 दिन का समय देना चाहिए था। आखिर वे इतनी जल्दी में क्यों थे? दलबदल कानून तो इसलिए बनाया गया था, ताकि कोई पार्टी न बदल सके।
हाईकोर्ट की शक्तियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। अदालत को इस मामले को सुनने का अधिकार है। हर मामले को अलग तर्कों के साथ देखना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जिस दिन उन्हें शिकायत मिली, उसी दिन नोटिस भेजे गये। जबकि नोटिस जारी करने को लेकर कोई ठोस वजह नहीं बताई गई। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस में वही सब लिखा गया है जो कुछ शिकायतकर्ता की शिकायत में था। जबकि बसपा के विधायकों को कांग्रेस में लाने पर भाजपा द्वारा की गई शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मुख्यमंत्री गहलोत सतीश पूनिया को लेेकर दिये बयान पर पूनिया का पटलवार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया द्वारा मानेसर जाकर सचिन पायलट से मिलने के आरोपा पर पलटवार करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री और मीडिया संस्थानों के दावें में जरा भी सच्चाई हो तो सीबीआई जांच करा लें। मैं न मानेसर गया और न ही पायलट से मिला। इस नाटक के नायक और खलनायक दोनों ही पात्र कांग्रेस पार्टी के हैं। जबकि इसका आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा पर थोपा जा रहा है।
सतीश पूनिया ने कहा कि जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग मुख्यमंत्री गहलोत ने किया। इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। फेयरमाउंट होटल पहले भी चर्चाओं भी थी और अब एक बार फिर अलग रूप में चर्चाओं में है। कांग्रेस का 1939 में सुभाषचन्द्र बोस से लेकर चक्रवती राजगोपालाचारी, चौधरी चरण सिंह और मोरारजी देसाई के अतिरिक्त अनेक उदारहरण है जब प्रदेश अध्यक्ष पार्टी छोड़कर गये तो क्या उनके लिए भी आप भाजपा को दोषी ठहराएंगे। यदि कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी छोड़ता है तो भाजपा का हाथ कैसे हुआ। आज 12 दिन हो गये लेकिन मुख्यमंत्री ने आज तक यह जवाब नहीं दिया कि अब तक उनके विधायक और मंत्री बाड़े में क्यों बंद हैं।
एक ओर प्रदेश में कोरोना के मामले बेकाबू होते जा रहे हैं और अब तक 570 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर विधायक और मंत्री आमजन की पीड़ाओं को भुलाकर होटलों में मौज मस्ती कर रहे हैं, फिल्में देख रहे हैं। इटालियन डिशें खाई जा रही है। प्रदेश में अपराध बेलगाम हो रहे हैं और लोग बिजली के बिलों को माफ करने की मांग कर रहे है, टिड्डी से किसान बेहाल है लेकिन इसकी कहीं कोई चर्चा नहीं। यदि चिंता है तो मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी और सरकार बचाने की।