राजस्थान सियासी संकटः सुरजेवाला बोले- सचिन पायलट के लिए दरवाजे खुले हैं, कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी, होटल पहुंचे
By धीरेंद्र जैन | Published: July 13, 2020 06:46 PM2020-07-13T18:46:09+5:302020-07-13T18:46:09+5:30
गत 48 घंटों में सचिन पायलट से केन्द्रीय नेताओं की कई बार बातचीत हुई है। उनसे राजनीतिक हालात पर बातचीत की। सुरजेवाला ने कहा कि आपस में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं किंतु उसके कारण सरकार को संकट में नहीं डालें।
जयपुरः राजस्थान में चल रहे सियायी ड्रामे के बीच कांग्रेस और भाजपा के नेता की बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है। एक ओर जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सचिन पायलट और दूसरे लोगों के लिए कांग्रेस आलाकमान के दरवाजे खुले हैं, उन्हें पार्टी फोरम पर आकर चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि गत 48 घंटों में सचिन पायलट से केन्द्रीय नेताओं की कई बार बातचीत हुई है। उनसे राजनीतिक हालात पर बातचीत की। सुरजेवाला ने कहा कि आपस में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं किंतु उसके कारण सरकार को संकट में नहीं डालें।
रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार द्वारा राज्य के नेताओं पर आयकर, ईडी और सीबीआई छापे डलवाकर जो हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि ये तीनों विभाग केन्द्र सरकार के हथियार हैं, लेकिन इन प्रयासों से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिरने वाली नहीं है।
कांग्रेस में विवाद शुरू हो गया एवं आज जो कुछ घटित हो रहा है। वह उसी विवाद का परिणाम है
राजस्थान में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के हकदार थे, लेकिन अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही कांग्रेस में विवाद शुरू हो गया एवं आज जो कुछ घटित हो रहा है। वह उसी विवाद का परिणाम है।
भाजपा के सांसद ओम माथुर ने हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर दिया था, गहलोत जी को इसका सही उपयोग करना चाहिए था। कांग्रेस पार्टी के अनेक विधायक मुख्यमंत्री से नाखुश हैं।
विधायक दल की बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी
राजस्थान में सरकार को लेकर चल रही उठापटक के बीच एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों की ओर विधायक दल की बैठक में 106 विधायकों की मौजूदगी की दावा किया गया। वहीं बैठक समाप्त होते ही सभी विधायकों को बस द्वारा सीधे दिल्ली रोड स्थित होटल में भेजा गया और ऐसी सूचना है कि सभी विधायकों की दो दिन तक यहीं बाड़ेबंदी रहेगी।
मुख्यमंत्री निवास से सभी विधायकों को 4 बसों के जरिए होटल फेयरमोंट ले जाया गया। आज सुबह ही इस होटल में ईडी ने छापे मारे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी विधायकों के साथ बस में मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने विक्ट्री साइन दिखाया। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे पास स्पष्ट बहुमत हैं।
सचिन पायलट की ओर से दावा करते हुए यह भी कहा जा रहा है कि उनके साथ 30 विधायक हैं
वही सचिन पायलट की ओर से दावा करते हुए यह भी कहा जा रहा है कि उनके साथ 30 विधायक हैं और प्रदेश कांग्रेस सरकार अल्पमत में है। उन्होंने सरकार को बचाने की एवज में अपने समर्थक विधायकों में से 4 को मंत्री मंडल में शामिल किये जाने के साथ ही इनमें से दो विधायकों को गृह एवं वित्त विभाग दिये जाने की शर्त रखी है।
साथ ही स्वयं को कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाये रखने की शर्त रखी है। ऐसे में आज के लिए तो सरकार गिरने की अटकलों पर कुछ समय के लिए विराम लग गया है लेकिन गहलोत सरकार रहेगी या गिरेगी, इसका निर्णय आने वाला समय ही बताएगा। कांग्रेस दल की बैठक के बाद बाड़ेबंदी किए जाने से कांग्रेस बचाव की मुद्रा में दिखाई दे रही है।
109 विधायकों का दावा गलत साबित हुआ। कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में कुल 123 वोट मिले थे। मास्टर भंवरलाल फिलहाल अस्पताल में हैं। सचिन पायलट समेत 18 विधायक दिल्ली में मौजूद हैं। वहीं, तीन विधायक ऐसे हैं जिनके बारे में कांग्रेस कहती है कि वे हमारे साथ हैं। कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 102 पर आती है। विधायक दल की बैठक में कुछ चेहरे ऐसे हैं, जो किसी भी वक्त पाला बदल सकते हैं। यही एक कारण है कि मुख्यमंत्री खेमे ने विधायकों की बाड़ाबंदी की है।