सिंगापुर में राहुल गांधी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- कश्मीर गया तो रोना आ गया
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: March 8, 2018 17:42 IST2018-03-08T17:42:32+5:302018-03-08T17:42:32+5:30
राहुल गांधी ने कहा, साल 2004 में जब यूपीए सरकार बनी तो हमें जलता हुआ जम्मू-कश्मीर सौंपा गया था। हमने एक नीति बनाकर इस पर 9 साल तक काम किया।

सिंगापुर में राहुल गांधी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- कश्मीर गया तो रोना आ गया
सिंगापुर, 8 मार्च। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तीन दिनों के लिए सिंगापुर और मलेशिया के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर में गुरूवार को एक बैठक में करते हुए कश्मीर नीति को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हमारी कश्मीर पॉलिसी लोगों को जोड़ने के लिए थी। साल 2004 में जब यूपीए सरकार बनी तो हमें जलता हुआ जम्मू-कश्मीर सौंपा गया था। हमने एक नीति बनाकर इस पर 9 साल तक काम किया। मैंने देखा है कि जब आप लोगों के साथ संपर्क करते हैं उनके लिए काम करते हैं और उन पर विश्वास करते हैं। तो यह काम करता है। 2014 में जब मैं जम्मू-कश्मीर गया तो रोना आ गया।
इससे पहले राहुल गांधी ने गुरुवार को सिंगापुर में आजाद हिंद फौज (आईएनए) के स्मारक के दर्शन किए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी। साल 1945 में आजाद हिंद फौज के ‘गुमनाम योद्धा’ की याद में बोस इस स्मारक का उद्घाटन किया था। अपने तीन दिनों की विदेश यात्रा के के दौरान राहुल गांधी सिंगापुर और मलेशिया का दौरा करेंगे। इससे पहले राहुल गांधी ने यहां भारतीय समुदाय और कारोबारी नेताओं से मुलाकात की।
In 2014 when I went to J&K I felt like crying. I saw what a bad political decision can to do years and years of policy-making: Congress President Rahul Gandhi in Singapore.
— ANI (@ANI) March 8, 2018
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी दोनों देशों के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। राहुलं गांधी नौ मार्च को सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग और 10 मार्च को मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक से मुलाकात कर सकते हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक राहुल सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन से भी मुलाकात करेंगे। शुक्रवार (9 मार्च) को वह प्रधानमंत्री लूंग से मुलाकात के बाद ओवरसीज कांग्रेस के सदस्यों को संबोधित भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मिलेंगे।