कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (आठ जनवरी) को बहरीन में एक एनआरआई सम्मेलन में नरेंद्र मोदी सरकार पर लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। राहुल ने मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वो युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने में भी विफल रही है।
दिसंबर 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार विदेश दौरे पर गए हैं। इस सम्मेलन के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले छह माह में एक 'नई चमकदार कांग्रेस पार्टी' देंगे। उन्होंने संगठन में व्यापक बदलाव के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि देश में 'गंभीर समस्या' है। उन्होंने वहां भारतीय मूल से उसे हल करने में मदद तथा नया स्वरूप प्रदान करने में भागीदार बनने की अपील की।
राहुल गाँधी ने भरोसा जताया है कि कांग्रेस 2019 में भाजपा को हराएगी क्योंकि उसके पास ऐसा करने की शक्ति और क्षमता है। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी अपने गढ़ गुजरात में हाल के चुनाव में बमुश्किल बच सकी।
इसके साथ ही उन्होंने गुजरात चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का जिक्र भी किया। भारतीय मूल के ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया ऑरिजन (जीओपीआईओ) को संबोधित करते हुए राहुल ने देश के लिए अपना नजरिया पेश करते हुए तीन प्राथमिकताओं का जिक्र किया। ये प्राथमिकताएं हैं रोजगार, अच्छा स्वास्थ्य तंत्र और एक शिक्षा प्रणाली।
राहुल गांधी ने कहा कि 'भारत आज आजाद है, लेकिन यह एक बार फिर खतरे में हैं। आज दो खतरे साफ हैं। सरकार रोजगार देने करने में विफल रही है। रोजगार नहीं होने से युवाओं में गुस्सा है। सभी धर्मों के लोगों को साथ लाने की बजाय सरकार रोजगारविहीन युवाओं के गुस्से को सामुदायिक नफरत में बदल रही है।