पंचायती राज दिवस: पुणे की महिला सरपंच, बस्ती के बुजुर्ग प्रधान से पीएम मोदी ने की बात, कई सवाल पूछे और अनुभव साझा किए
By भाषा | Published: April 24, 2020 08:43 PM2020-04-24T20:43:25+5:302020-04-24T20:43:25+5:30
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के समय हमारे ग्रामीणों ने अपने संस्कारों व परंपराओं के दर्शन कराए हैं। आपने दुनिया को बहुत सरल शब्दों में मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। दो गज दूरी का ही तो मतलब है, सोशल डिस्टेंसिंग।
पुणे/गोरखपुरः महाराष्ट्र में पुणे जिले की एक युवा महिला सरपंच ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राम पंचायत पदाधिकारियों से बातचीत के दौरान यहां के चोकन इलाके के मेदनकरवाड़ी गांव की सरपंच प्रियंका मेदनकर से पूछा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिये उनकी ग्राम पंचायत में क्या इंतजाम किये गए हैं? मेदनकर ने प्रधानमंत्री को बताया कि स्वच्छता अभियान चलाया गया है और घरों में साबुन दिये गए हैं, गांव में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार 5000 मास्क लोगों के बीच वितरित किये गए इसके अलावा महिलाओं को 7000 सेनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध कराए गए।
उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सामाजिक दूरी की पहल के तहत राशन और सब्जियों की दुकानों को एक दिन छोड़कर खोलने की इजाजत दी गई है और आवश्यक वस्तुओं को लोगों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि ऐहतियात के तौर पर गांव में पृथक-वास केंद्र भी निर्दिष्ट किया गया है। प्रधानमंत्री ने पुणे जिले में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) द्वारा किये गए काम की भी सराहना की। बैठक के बाद मेदनकर ने संवाददाताओं को बताया, “मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि हमारी ग्राम पंचायत को मोदीजी के साथ बातचीत का अवसर मिला।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस पर ग्राम प्रधानों के साथ संवाद के दौरान बस्ती जिले के नकटी देई बुजुर्ग गांव की प्रधान से भी बातचीत की। गांव की प्रधान वर्षा सिंह 40 ने प्रधानमंत्री द्वारा ग्राम प्रधानों से संवाद के बाद पीटीआई-भाषा को बताया कि मोदी ने तकरीबन साढे़ तीन मिनट की बातचीत के दौरान ग्रामीणों और मौजूदा समय में घोषित लॉकडाउन के सिलसिले में अनेक सवाल पूछे। वर्षा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि लॉकडाउन में लाभार्थियों को आर्थिक मदद मिल रही है या नहीं और पूर्ण बंदी के समय में गांव की क्या स्थिति है।
मोदी ने कहा कि अगर दो लोग अगल-बगल चल रहे हों तो दोनों को अलग-अलग छाता लेना चाहिए ताकि दोनों के बीच करीब दो फर्लांग की दूरी रहे। उन्होंने बताया, "प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि पहले लोग सोचते थे कि अगर सरकार 100 रुपये भेजती है तो उन्हें सिर्फ 15 रुपये ही मिलते हैं।
इस पर मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि बैंक खाते में सीधे धन जमा करने से लोगों को पूरा लाभ मिल रहा है और वह प्रधानमंत्री से बहुत खुश हैं। गांव में लॉकडाउन और सामाजिक मेलेजोल से दूरी का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।" वर्षा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने गांव में साफ-सफाई और मास्क के वितरण के बारे में भी पूछा। लगभग 2,865 की आबादी वाले नकटी देई बुजुर्ग गांव में लगभग 20% मुस्लिम और 80% हिंदू रहते हैं। प्रधानमंत्री द्वारा संवाद के मौके पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन और पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा भी मौजूद थे।