नई दिल्ली, 21 जुलाई: लोकसभा में विपक्षी पार्टी टीडीपी द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार( 20 जुलाई) को वोटिंग के बाद गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में 325 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में सिर्फ 126 वोट ही पड़े। इस प्रस्ताव पर कुल 451 सदस्यों ने वोट दिया। प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद लोकसभा की कार्रवाई सोमवार( 23 जुलाई) तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बीजेपी एक तरफ जहां इसे 2019 की जीत की तरह देख रही है तो वहीं विपक्षी पार्टियां ये कह रही है कि हमें ये करना बहुत जरूरी था। देखा जाए तो अविश्वास प्रस्ताव पर सभी पार्टियां कुछ खास मकसद के साथ लोकसभा के अंदर बहस कर रही थी. सबका निशाना साफ था। इस बहस को आम चुनाव से पहले एक रिहर्सल मैच की तरह देखा जा रहा था। लेकिन खैर बीजेपी इसे अपने लिए एक जीत के तौर पर देख रही है।
आइए जानते है अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद मोदी सरकार और विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा...
1- अमित शाह
''वंशवाद की राजनीति, नस्लवाद और तुष्टीकरण को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस की एक बार फिर गरीब पृष्भूमि से आने वाले प्रधानमंत्री को लेकर नफरत उजागर हो गई है। बिना बहुमत और कोई उद्देश्य ना होने पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ उद्देश्यहीन प्रस्ताव लाकर ना केवल अपने राजनीतिक दिवालियेपन का परिचय दिया है बल्कि उसने लोकतंत्र को कुचलने के अपने पुराने इतिहास को भी दोहराया है। सरकार के पास देश का पूरा भरोसा है।''
2- एन चंद्रबाबू नायडू
''आंध्रप्रदेश के पांच करोड़ लोगों को उम्मीद थी कि (केंद्र सरकार को) पछतावा होगा और भूल सुधार की जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चंद्रबाबू ने आरोप लगाया , ''प्रधानमंत्री अहंकारी हैं। उन्होंने सत्ता का अहंकार दिखाया है। वह इस तरह बोले कि हमारे राज्य का उपहास उड़ाया गया। वह ओछी बातें कर रहे हैं।''
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3- पीएम मोदी
''एनडीए को लोकसभा और भारत के 125 करोड़ लोगों का विश्वास है। मैं उन सभी पार्टियों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने आज वोट में हमें समर्थन दिया है। भारत को बदलने और हमारे युवाओं के सपने को पूरा करने के हमारे प्रयास जारी हैं।''
4- सीताराम येचुरी
''प्रधानमंत्री ने जुमला दोहराना और कुछ असंगत आंकड़ा पढ़ना जारी रखा। अर्थव्यवस्था की हालत और लोगों की रोजी रोटी की स्थिति जगजाहिर सच्चाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के सहयोगियों का ही इस सरकार में कोई विश्वास नहीं है।''
5- सुषमा स्वराज
''प्रधान मंत्री जी - भारी बहुमत से विश्वास मत जीतने पर आपको मेरी हार्दिक बधाई''
6- एम खड़गे, कांग्रेस
''हमने राफेल सौदे, नीरव मोदी आदि पर पीएम मोदी को प्रश्न पूछे लेकिन उन्होंने किसी का जवाब नहीं दिया। उनका भाषण 'ड्रामाबाजी' था। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए कुछ भी नहीं कहा। वह हमें बस इतान बता रहे थे कि पिछली सरकार ने क्या किया है और उसकी सरकार ने 4 वर्षों में क्या किया है।''
7- केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
''राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी को गले से उन्हें अच्छे से ज्यादा नुकसान मिला है। ये काम संसद के गरिमा के खिलाफ भी था।''
8- केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर
''प्रधानमंत्री मोदी ने उन सभी प्रश्नों का उत्तर दिया जो उनके सामने आए थे। उन्होंने सचमुच कांग्रेस को बिखरे कर रख दिया है।''
9- स्मृति ईरानी
''कांग्रेस और विपक्ष की अविश्वास प्रस्ताव में हार 201 9 में उनकी हार के लिए एक अग्रदूत है। यह बड़े पैमाने पर जनता को यह बताता है कि विपक्ष पुरी तरह से बिखरी हुई है। देश की जनता को देखना होगा कि कांग्रेस किस तरह की रणनीति को गले लगाने के इच्छुक है।"
10- शशि थरूर
''इस अविश्वास प्रस्ताव का मूल संदेश यह है कि यात्रा गंतव्य से अधिक महत्वपूर्ण है। बीजेपी सरकार की विफलताओं को देश के सामने रखा गया था। परिणाम अनुमानित था लेकिन प्रक्रिया सफल रही।''
11- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे
''इससे बड़ी बहुमत क्या हो सकता है? इसका मतलब है कि 2019 में कांग्रेस को 10 सीट आने वाली हैं।''
12- अनंत कुमार
''जैसा कि मैंने आपको बताया , हमें राजग के बाहर के दलों का भी समर्थन मिला। अन्नाद्रमुक ने हमारा समर्थन किया। बीजद और टीआरएस ने सदन का बहिष्कार किया।''
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