एमपी ने पंजाब को पीछे छोड़ा, देश में पहले पायदान पर, 1.27 करोड़ टन गेहूं खरीद
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 9, 2020 05:36 PM2020-06-09T17:36:34+5:302020-06-09T17:36:34+5:30
मध्य प्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है. पंजाब दूसरे स्थान पर है जहाँ कुल गेहूँ उपार्जन 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 473 मीट्रिक टन हुआ है. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार देश के सभी राज्यों द्वारा कुल उपार्जन गेहूँ का 33 प्रतिशत मध्य प्रदेश में उपार्जन किया गया है.
भोपालः मूल्य पर गेहूँ उपार्जन में मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर पहुँच गया है. इस तरह मध्य प्रदेश ने बीते कई सालों से गेहूं के उपार्जन के मामले में शीर्ष रहने वाले पंजाब को पीछे छोड़ दिया है.
मध्य प्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है. पंजाब दूसरे स्थान पर है जहाँ कुल गेहूँ उपार्जन 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 473 मीट्रिक टन हुआ है. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार देश के सभी राज्यों द्वारा कुल उपार्जन गेहूँ का 33 प्रतिशत मध्य प्रदेश में उपार्जन किया गया है.
पूरे देश में 3 करोड़ 86 लाख 54 हजार मेट्रिक टन गेहँ का उपार्जन किया गया है. गत वर्ष की तुलना में मध्य प्रदेश में गेहूँ उपार्जन में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष मध्य प्रदेश में 73.69 लाख गेहूँ का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया था.
प्रदेश में पिछले वर्ष उपार्जन केन्द्रों की संख्या 3 हजार 545 को बढाकर 4 हजार 529 केन्द्र खोले गये. राज्य सरकार द्वारा गेहूँ उपार्जन की राशि सीधे किसानों के खातों में औसतन 7 दिवस में अंतरित की गई. अभी तक 14 लाख 19 हजार किसनों के खातों में 20 हजार 253 करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है.
देश के सभी राज्यों द्वारा कुल गेहूँ खरीद का 33 प्रतिशत मध्य प्रदेश में की गई है। पंजाब दूसरे स्थान पर है।'' उन्होंने बताया कि पूरे देश में 3,86,54,000 मीट्रिक टन गेहँ का उपार्जन किया गया है। अधिकारी ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में मध्य प्रदेश में गेहूँ उपार्जन में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पिछले वर्ष मध्यप्रदेश में 73.69 लाख गेहूँ का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया था। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गेहूँ उपार्जन के प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री ने 23 मार्च से लगातार 75 बैठकें कर गेहूँ उपार्जन की प्रतिदिन समीक्षा की। कोरोना वायरस के लिए लगे लॉकाडाउन एवं निसर्ग तूफान के अवरोध को पीछे छोड़ते हुए उपार्जन कार्य में लगा अमला कोरोना योद्धा और मध्य प्रदेश के किसान कोरोना विजेता सिद्ध हुए है।
मुख्यमंत्री चौहान ने इस उपलब्धि के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की टीम और प्रदेश के किसानों को बधाई दी है। अधिकारी ने बताया, ''मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूँ उपार्जन के लिए प्रभावी रणनीति बनाई। पिछले वर्ष किये गये उपार्जन से बढ़कर 100 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए बारदानों और भण्डारण की व्यवस्था की गई।'' अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद 25 लाख मीट्रिक टन के लिए अतिरिक्त बारदानों की व्यवस्था की गई। बारदानों के सुनियोजित प्रबंधन के फलस्वरूप लक्ष्य से अधिक इतनी बड़ी खरीदी होने के बाद भी बारदानों की कमी नहीं होने दी गई।