लोकसभा चुनावः चौथे चरण के लिए वोटिंग जारी, लेकिन जेडीयू ने अभी तक नहीं जारी किया अपना घोषणापत्र
By एस पी सिन्हा | Published: April 29, 2019 08:40 AM2019-04-29T08:40:01+5:302019-04-29T08:40:01+5:30
बिहार लोकसभा चुनावः एक तरफ जहां भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म करने, समान नागरिक संहिता को लागू करने और संविधान के दायरे में रहकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात कही है, वहीं इन सभी मुद्दों को लेकर जदयू का पक्ष बिल्कुल अलग है.
बिहार में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान आज सोमवार को समाप्त हो जाएगा, लेकिन बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू का अब तक घोषणापत्र जारी नहीं हुआ है. इसको लेकर राजद के द्वारा नीतीश कुमार पर तंज भी कसा जा रहा है. राजद ने यह पूछा है कि आखिर क्या कारण है कि जदयू के द्वारा अबतक अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया गया है. जबकि सभी दलों के द्वारा अपना घोषणापत्र जारी किया जा चुका है.
वैसे सूत्रों की अगर मानें तो इस चुनाव में नीतीश की पार्टी घोषणापत्र जारी नहीं करेगी. कहा जा रहा है कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35ए, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा और जदयू के बीच में मतभेद है.
एक तरफ जहां भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म करने, समान नागरिक संहिता को लागू करने और संविधान के दायरे में रहकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात कही है, वहीं इन सभी मुद्दों को लेकर जदयू का पक्ष बिल्कुल अलग है.
जदयू का मानना है कि अनुच्छेद 370, 35ए और समान नागरिक संहिता लागू करने के मुद्दे पर सभी पक्ष से बातचीत होनी चाहिए उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए. राम मंदिर के मुद्दे पर भी जदयू का पक्ष यही है कि इस पूरे मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए.
बता दें कि भाजपा ने 8 अप्रैल को ही अपना घोषणापत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्ता में दोबारा लौटने पर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म किया जाएगा और समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा. ऐसे में अगर घोषणापत्र जारी हुआ तो ये मतभेद एक बार फिर सामने आ सकते हैं, ऐसे में भाजपा का वोट जो जदयू को मिलने वाला है उसका नुकसान जदयू को उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि जदयू घोषणापत्र जारी नहीं कर रहा है.
उल्लेखनीय है कि जदयू का घोषणा पत्र 14 अप्रैल को ही जारी किया जाना था. लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा के दबाव की वजह से पार्टी ने इसको जारी करने में देरी की है और अब वह इसे टालने के मूड में है.
बिहार में जदयू, भाजपा और लोजपा का गठबंधन है. इसमें जदयू और भाजपा को 17-17 सीटें और राम विलास पासवान की लोजपा को 6 सीट दी गई हैं. सूत्रों के अनुसार JDU ने घोषणापत्र तैयार कर लिया था जिसे 14 अप्रैल को ही जारी होना था। अब वह इसे टालने के मूड में है।
हालांकि, पार्टी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए काम को देखकर वोट कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 3 चरणों में जनता ने इन दोनों नेताओं के काम के आधार पर ही वोटिंग की है. ऐसे ही आगे के चरणों में भी जनता इसी को आधार बनाकर वोट करेगी.