कर्नाटक चुनाव से पहले मायावती की बड़ी घोषणा, अखिलेश यादव के साथ मिलकर लड़ेंगी अगला लोक सभा चुनाव
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: May 7, 2018 10:10 IST2018-05-07T10:00:14+5:302018-05-07T10:10:46+5:30
कर्नाटक की 224 विधान सभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होना है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी राज्य में एचडी कुमारस्वामी जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।

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कर्नाटक विधान सभा से ठीक पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख बहन मायावती ने बड़ा ऐलान किया है। मायावती ने एक निजी टीवी चैनल को रविवार (छह मई) को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उनकी पार्टी 2019 का लोक सभा चुनाव अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ मिलकर लड़ेगी। बहन मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी लोक सभा चुनाव से पहले इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी। कर्नाटक विधान सभा चुनाव में मायावती जनता दल (सेकुलर) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी और मायावती ने एक संयुक्त रैली की। कुमारास्वामी ने दावा किया है कि कर्नटाक के नतीजे चौंकाने वाले होंगे। मायावती कर्नाटक में जेडीएस के प्रचार के लिए भी गयी थीं। कर्नाटक की 224 विधान सभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 15 मई को आएंगे। राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस, मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
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63 वर्षीय मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है और सहमति बनते ही इस फैसले को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय को दिए इंटरव्यू में मायावती ने कहा, "लोक सभा चुनाव में समय है...जब चुनाव नजदीक आ जाएंगे तो हम सीटों का फैसला करके इसकी घोषणा कर देंगे।" रविवार (छह मई) को दिए एनडीवीट को दिए इंटरव्यू में मायावती ने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ धर्मनिरपेश्र ताकतों का इकट्ठा होना जरूरी है। माना जा रहा है कि मायावती गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी गठबंधन की दिशा में आगे बढ़ते हुए ये फैसले ले रही हैं।
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बसपा ने हाल ही में हुए गोरखपुर और फूलपुर लोक सभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया था। दोनों ही सीटों पर सपा उम्मीदवार ने बीजेपी उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी। ये दोनों सीटें बीजेपी के लिए नाक का सवाल थीं क्योंकि गोरखपुर सीट सीएम योगी आदित्यनाथ के और फुलपूर सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई थीं। गोरखपुर सीट पर बीजेपी को करीब दो दशकों बाद हार का सामना करना पड़ा।
लोक सभा उपचुनाव के बाद हुए उत्तर प्रदेश की राज्य सभा सीटों के लिए हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थन के बावजूद बसपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। राज्य सभा चुनाव में बसपा की हार के बाद ये अटकल लगायी जा रही थी सपा और बसपा का गठबंधन दरक सकता है लेकिन मायावती और अखिलेश यादव दोनों ने सार्वजनिक रूप से गठबंधन का जारी रखने की बात कही थी। सपा और बसपा लोक सभा उपचुनाव के समय करीब दो दशकों बाद साथ आए थे।
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