जम्मूः बीस जिलों की 280 में आधे के करीब परिषद सीटों पर कब्जा जमाने वाले गुपकार गठबंधन ने यह दर्शाया है कि उनके इरादे और वायदे प्रदेश के लोगों को स्वीकार्य हैं।
हालांकि भाजपा ने एक चौथाई सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ा दल होने का दावा तो किया है पर वह मिलने वाले मतों में गुपकार गठबंधन से कई कदम पीछे है। पूरे प्रदेश में गुपकार गठबंधन दलों ने 138 सीटों पर कब्जा जमाया है।
जबकि भाजपा को जम्मू संभाग की आधी और दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पूरे प्रदेश की एक चौथाई सीटों पर ही विजय प्राप्त हुई है। उसने कश्मीर से 3 सीटें जीत कर खाता खोला जबकि जम्मू संभाग में वह 72 सीटें ही प्राप्त कर पाई। दूसरे स्थान पर एकल पार्टी के हिसाब से नेशनल कांफ्रेंस इस बार आजाद उम्मीदवारों से बस एक कदम ही आगे रही है।
इस बार 49 उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर इतिहास रचा है। पहली बार है कि प्रदेश में इतनी संख्या में आजाद उम्मीदवार जीत कर आए हैं। अभी तक का लोकसभा और विधानसभा चुनावों का इतिहास यही कहता है कि प्रदेश के लोगों ने स्वतंत्र उम्मीदवारों को कभी इतनी अहमियत नहीं दी।
अगर मिलने वाले वोटों की बात करें तो आजाद उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट पाने वालों में सबसे आगे हैं और उसने भाजपा को भी पीछे छोड़ दिया। गुपकार गठबंधन को 138 सीटों पर मिली जीत गुपकार गठबंधन के नेताओं पर खुशी जरूर लाई है।
हालांकि कुछ सहयोगी दल अपने अपने दलों के परिणामों से खुश नजर नहीं आए थे पर उमर अब्दुल्ला कहते थे कि चुनाव परिणाम केंद्र सरकार के उस दावे को झूठलाते थे जिसमें वह कहती है कि धारा 370 की वापसी के पक्ष में कोई नहीं है। गुपकार गठबंधन ने प्रदेश को राज्य का दर्जा देने के अतिरिक्त संविधान में मिले हुए विशेष दर्जे की मांग पर यह चुनाव लड़ा है जिसके लिए लाखों मतदाताओं ने उन्हें वोट देकर 138 सीटें उनकी झोली में डाली हैं।