राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच तीसरी बार राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले सीएम अशोक गहलोत
By सुमित राय | Published: July 23, 2020 09:01 PM2020-07-23T21:01:04+5:302020-07-23T21:07:33+5:30
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीसरी बार राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की।
राजस्थान में चल रहा सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और इस बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। राज्य में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्यपाल से यह तीसरी मुलाकात है। इससे पहले अशोक गहलोत ने 18 जुलाई को राज्यपाल से मुलाकात की थी और 102 विधायकों के समर्थन का दावा किया था।
राज्यपाल से मुलाकात से पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि विधानसभा का सत्र जल्द होगा और बहुमत हमारे साथ हैं। पूरे कांग्रेस विधायक एकजुट हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्होंने गलती की है और जो भटक गए हैं वह कोर्ट में गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी में सारे कांग्रेस विधायक एकजुट हैं और बहुत जल्दी सत्र बुलाएंगे। बहुमत साबित कर दिखाएंगे।
Jaipur: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot pays a courtesy visit to State Governor Kalraj Mishra at Raj Bhawan. pic.twitter.com/1uyJh0cLWr
— ANI (@ANI) July 23, 2020
खरीद-फरोख्त से संबंधित वायरल हुए ऑडियो पर अशोक गहलोत का बयान
इसके अलावा अशोक गहलोत ने वायरल हो रहे ऑडियो पर कहा था, "अगर उन्हें लगता है कि वे राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं, तो वे वॉयस टेस्ट के लिए यूएस में एफएसएल एजेंसी को ऑडियो-टेप भेज सकते हैं। उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और आवाज की परीक्षा से गुजरना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, " केंद्रीय मंत्री / विधायक / सांसद भाषण देते हैं, इसलिए सभी जानते हैं कि यह उनकी आवाज है। फिर भी, पहली प्रतिक्रिया हमेशा 'यह मेरी आवाज नहीं थी'। वे लोगों को धमकी भी दे रहे हैं। कुछ भी काम करने वाला नहीं है। सत्यमेव जयते।"
Still, the first reaction always is 'it wasn't my voice'. They are also threatening people. Nothing is going to work. Satyamev Jayate: Rajasthan CM Ashok Gehlot https://t.co/gDCMK9doDj
— ANI (@ANI) July 23, 2020
प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी
राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती देने वाले सचिन पायलट और कांग्रेस के बागी 18 विधायकों ने प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए गुरुवार को अदालत में एक अर्जी दी। यह अर्जी इस आधार पर दाखिल की गई है कि चूंकि संविधान की दसवीं अनुसूची की वैधता को चुनौती दी गई है, इसलिए अब इसमें केंद्र को पक्ष बनाना जरूरी है। उच्चतम न्यायालय में भी इसी तरह की अर्जी दी गई, जहां राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने एक याचिका दाखिल की है।
पायलट खेमे ने कहा- पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के दौरान होता है लागू
पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। इसके बाद इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया गया। हालांकि सचिन पायलट खेमे का कहना है कि पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के चलने के दौरान ही लागू होता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बाद सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।