धर्मशालाः दलाई लामा सोमवार को 85 साल के हो गए और इस अवसर पर यहां तिब्बत की निर्वासित सरकार के अधिष्ठान पर प्रार्थना और अनुष्ठान के द्वारा दलाई लामा का जन्मदिन मनाया गया।
इस दौरान भारत और चीन के बीच हुई झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी गई। मक्लिओडगंज में अपने आवास से बौद्ध समुदाय के लिए जारी किए गए संदेश में तिब्बती आध्यात्मिक गुरु ने लोगों से मंत्र जपने को कहा। दलाई लामा ने कहा कि आपकी प्रार्थना की शक्ति से मैं अवलोकितेश्वर (बुद्ध का एक नाम) का संदेशवाहक, 110 या 108 वर्ष जी सकता हूं।
इस साल कोरोना वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए पाबंदियों के चलते दलाई लामा का जन्मदिन सादगी से मनाया गया। इस अवसर पर मक्लिओडगंज में स्थित समुदाय के मुख्य मंदिर में प्रार्थना का आयोजन किया गया। तिब्बत की निर्वासित संसद ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “हम प्रार्थना करते हैं ताकि परम पावन दलाई लामा सौ कल्प तक जिएं, उनकी सारी इच्छाएं तत्काल पूरी हों और तिब्बत का लक्ष्य निश्चित ही पूरा हो।”
दशक बाद 17 मार्च 1959 को दलाई लामा ने 24 वर्ष की आयु में भारत में शरण ली थी
तिब्बत पर चीन द्वारा कब्जा करने के लिए सशस्त्र आक्रमण शुरू करने के लगभग एक दशक बाद 17 मार्च 1959 को दलाई लामा ने 24 वर्ष की आयु में भारत में शरण ली थी। वक्तव्य में कहा गया कि कम्युनिस्ट शासन वाले चीन की सेना सीमा पर भारत में घुसने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
वक्तव्य के अनुसार तिब्बत की निर्वासित संसद ने गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। धर्मशाला में दलाई लामा के कार्यालय ने कहा कि धर्मगुरु के जन्मदिन के अवसर पर दुनियाभर के नेताओं ने शुभकामनायें भेजी। केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दलाई लामा को उनके जन्म दिन पर शुभकामनाएं दीं।
नवीन पटनायक ने दलाईलामा को उनके 85 वें जन्मदिन पर बधाई दी
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा को उनके 85 वें जन्मदिन पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटरहैंडल पर दलाईलामा के साथ अपनी तस्वीर साझा की। पटनायक ने ट्वीट किया, ‘‘ श्रद्धेय दलाईलामा को जन्मदिन की शुभकामनाएं। आपका स्वास्थ्य उत्तम रहे और आप दीर्घायु हों तथा आप दुनिया में प्रेम, करुणा एवं शाति का प्रसार करते रहें।’’
हाल ही में दलाईलामा ने पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर इन दोनों राज्यों में मई में चक्रवात अम्फान से हुए जानमाल की क्षति पर सहानुभूति प्रकट की थी। दलाईलामा 1959 में तिब्बत से आने के बाद से भारत में रह रहे हैं।
निर्वासित तिब्बत सरकार भारत से अपना शासन चलाती है और देश में 1,60,000 से अधिक तिब्बती रहते हैं। तिब्बती आध्यात्मिक नेता कई बार ओडिशा जा चुके है। नवंबर, 2017 में उन्होंने पटनायक से मुलाकात की थी। ओडिशा के गजपति जिले के चंद्रगिरि में तिब्बतियों की एक बस्ती है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा को जन्मदिन की बधाई दी
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा को उनके 85 वें जन्मदिन पर बधाई दी और कहा कि उनके मूल्य एवं आदर्श पूरी मानवता को प्रेम और शांति की राह पर ले जाने वाले प्रकाशपुंज हैं। रिजिजू नरेंद्र मोदी सरकार के एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने दलाईलामा को सार्वजनिक रूप से उनके जन्मदिन की बधाई दी है। केंद्रीय खेल मंत्री ने ऐसे समय में दलाईलामा को जन्मदिन की बधाई दी है जब सीमा पर चीन के साथ भारत का गतिरोध जारी है।
चीन अपनी इस धारणा के आधार पर तिब्बती आध्यात्मिक नेता को अलगाववादी मानता है कि वह तिब्बत के लिए आजादी की मांग कर रहे हैं। रिजिजू ने ट्वीट किया, ‘‘ परम श्रद्धेय 14 वें दलाईलामा के 85 वें जन्मदिन के पावन अवसर पर मैं उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करता हूं तथा उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना एवं कामना करता हूं। उनके मूल्य एवं आदर्श पूरी मानवता के लिए प्रेम और शांति की राह पर ले जाने वाले प्रकाशपुंज हैं।’’
मंत्री ने दलाईलामा के साथ अपनी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर डाली जिसमे दलाईलामा उनका हाथ पकड़े हुए हैं। रिजिजू का संबंध अरुणाचल प्रदेश से हैं जिसके कुछ हिस्से को चीन विवादित क्षेत्र मानता है। दलाईलामा 1959 में तिब्बत से निकलने के बाद से भारत में रह रहे हैं।
निर्वासित तिब्बत सरकार भारत से अपना शासन चलाती है और देश में 1,60,000 से अधिक तिब्बती रहते हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे। जवाबी कार्रवाई में भारत ने 59 चीनी ऐप प्रतिबंधित कर दिया । भारत ने सड़क, दूरसंचार और बिजली समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीनी निवेश पर भी रोक लगा दी।