श्रमकानून में बदलावः राहुल गांधी ने बोला सरकार पर हमला-कोरोना संकट मजदूरों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता

By भाषा | Updated: May 11, 2020 14:10 IST2020-05-11T14:10:19+5:302020-05-11T14:10:19+5:30

श्रम कानूनों में बदलाव की शुरुआत 5 मई को मध्य प्रदेश से हुई थी। इसके बाद 7 मई को उत्तर प्रदेश और गुजरात ने भी लगभग 3 साल के लिए श्रम कानूनों में बदलावों की घोषणा कर दी थी। अब महाराष्ट्र, ओडिशा और गोवा ने भी अपने यहां नए उद्योगों को आकर्षित करने और ठप पड़ चुके उद्योगों को गति देने के लिए यूपी, एमपी व गुजरात की तर्ज पर लेबर कानूनों में संशोधन की घोषणा की है।

Corona virus India lockdown congress Rahul Gandhi Change labor law attack ogovernment Corona crisis excuse workers | श्रमकानून में बदलावः राहुल गांधी ने बोला सरकार पर हमला-कोरोना संकट मजदूरों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता

कांग्रेस ने कहा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। (file photo)

Highlightsराज्यों में श्रम कानूनों में संशोधन किए जाने की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना संकट श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता।यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता।

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कई राज्य श्रम कानूनों में संशोधन कर रहे हैं। कोरोना संकट मजदूरों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई राज्यों में श्रम कानूनों में संशोधन किए जाने की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना संकट श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अनेक राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता।’’

कांग्रेस ने कहा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। दरअसल, कई राज्यों ने अपने यहां श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। कांग्रेस के नेता पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं।

कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के तमाम देशों को लॉकडाउन का सामना करना पड़ा रहा है। भारत में पिछले करीब डेढ़ महीने से लागू लॉकडाउन की वजह से उद्योग-धंधे ठप हो चुके हैं और पूरी दुनिया की तरह देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई है। इससे उबरने और उद्योगों को दोबारा पटरी पर लाने के लिए अब तक छह राज्य अपने लेबर कानूनों में कई बड़े बदलाव कर चुके हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ और राज्य भी अपने यहां ऐसे बदलावों की घोषणा कर सकते हैं।

बिहार समेत कुछ और राज्यों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लेबर कानूनों में बदलाव पर विचार शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि बिहार समेत कुछ अन्य राज्य भी जल्द ही ऐसे बदलावों की घोषणा कर सकते हैं। 

‘पीएम केयर्स’ कोष का ऑडिट सुनिश्चित करें प्रधानमंत्री : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह कोरोना वायरस के संकट से निपटने के मकसद से बने ‘पीएम केयर्स’ कोष का ऑडिट सुनिश्चित करें। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ पीएम केयर्स कोष को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रेलवे जैसे बड़े सरकारी उपक्रमों से काफी पैसा मिला।

यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री सुनिश्चित करें कि इस कोष का ऑडिट हो तथा पैसे लेने और खर्च करने का रिकॉर्ड जनता के समक्ष उपलब्ध हो।’’ कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत के दौरान भी कहा था कि पीएम केयर्स कोष का ऑडिट होना चाहिए। 

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