नई दिल्ली, 24 मार्च: चारा घोटाला के एक अन्य मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने दो धाराओं में 7-7 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 30-30 लाख जुर्माना लगाया है। लालू प्रसाद को मिली सजा पर उनके बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी ने कहा है, 'हम इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करेंगे। चारों केस में मिली सजा पर हम अपनी रणनीति बनाएंगे। भाजपा के षड्यंत्र को देखते हुए मुझे लगता है कि लालू जी की जान को खतरा है।'
गौरतलब है कि लालू प्रसाद पर दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर दर्ज हुआ था। चारा घोटाले का यह मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच का है, जिसमें आरोप है कि दुमका कोषागार से 13.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने गए हैं। सीबीआई की विशेष अदालत 31 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया। हालांकि, चार्जशीट 48 लोगों के खिलाफ दायर की गई थी, लेकिन 14 लोगों की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।
लालू प्रसाद यादव अब तक चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में दोषी पाए गए हैं। चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े एक अन्य मामले में अदालत पहले ही लालू यादव को साल 2013 में पांच साल की सजा सुना चुकी है। चारा घोटाले से जुड़े देवघर ट्रेजरी मामले में दिसंबर 2017 में लालू यादव एवं अन्य दोषियों को साढ़े तीन साल कारावास की सजा हुई थी। लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े पांच मामलों में अभियुक्त बनाए गये थे।
चाईबासा मामले में उन्हें 5 साल, देवघर कोषागार मामले में 3.5 साल और अब चाईबासा के एक अन्य मामले में 5 साल की सजा हुई है। यानी कि लालू प्रसाद यादव को कुल 13.5 साल जेल हो चुकी है। सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। फिलहाल वह रांची जेल में बंद हैं।